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बिन लालच – बिन मतलब के ,
प्यार वो लुटाती है ।
जग में ममता की मूरत,
मां वो कहलाती है ।।
कदम कदम पर दुनिया में,
रास्ता वो दिखाती है ।
बच्चों पर जो नेह बरसाये,
मां वो कहलाती है ।।
ख़ुद भूखे रहकर हर पल,
भरपेट हमें खिलाती है ।
त्याग- समर्पण की देवी,
मां वो कहलाती है ।।
#डॉ.वासीफ काजी
परिचय : इंदौर में इकबाल कालोनी में निवासरत डॉ. वासीफ पिता स्व.बदरुद्दीन काजी ने हिन्दी में स्नातकोत्तर किया है,साथ ही आपकी हिंदी काव्य एवं कहानी की वर्त्तमान सिनेमा में प्रासंगिकता विषय में शोध कार्य (पी.एच.डी.) पूर्ण किया है | और अँग्रेजी साहित्य में भी एमए किया हुआ है। आप वर्तमान में कालेज में बतौर व्याख्याता कार्यरत हैं। आप स्वतंत्र लेखन के ज़रिए निरंतर सक्रिय हैं।
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Fri May 11 , 2018
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