तेरी बेवफ़ाई के किस्से मेरे अश्क कहते हैं । तेरी याद में ये मोती हरदम यूं ही बहते हैं ।। न ही तु ज़िन्दगी में ,न तेरा नाम बाक़ी है ।।। तेरा नाम का दीवाना अब मुझको लोग कहते हैं ।।।। तेरे बिन शीशमहल भी अब वीराना लगता है । […]
नहीं मिलती कहीं से अब तो ख़बर तेरी । तेरी मोहब्बत के सफ़र में है ज़िन्दगी मेरी ।। चाहतें दिल की ये अरमान तेरे लिए हैं ।।। ख़ुद में खुद को ढूंढ रही ज़िन्दगी मेरी ।।।। अहसास बेज़ुबान होते हैं दिल के यारा । उसकी नज़रों में जगह ढूंढ रही […]
मुझे मोहब्बत तुम्हीं से है बस ।ये दिल धड़कता तेरे लिए है ।।तू ही है बस एक सुकून दिल का ।।।ये ज़िस्म सिसकता तेरे लिए है ।।।। तुम्हीं से ख़ुशबू ग़ुलों में है बस ।ये दिन निकलता तेरे लिए है ।।तुम्हीं से रोशन बहार मुझमें ।।।ये दिल धड़कता तेरे लिए […]
हाथों में हाथ थामे, साथ मेरे तुम चलना । मेरे जीवन के आंगन में, सांझ जैसी ढलना ।। उम्मीदों का सहर हो मेरी, तुम ही उजाला करना । बारिशों का पानी बनकर, यूं ही तर-बतर करना ।। अच्छा लगता है मुझको यूं खुद से बातें करना । याद में तेरी […]
तेरी आंखों में प्यार की कहानी नज़र आती है । रहबर मेरी ज़िंदगी तेरे पहलू में चैन पाती है ।। सरगम सी बजती है कानों में मेरे ।।। पनघट पर जब तू अपनी पायल खनकाती है ।।।। तेरा ग़म तो मेरी ज़िंदगी का हिस्सा है । मेरे हिस्से से भी […]
प्रेम की कविताएं,भाषा की शुद्धता, रस की गहरी समझ, और बतौर हिन्दी को विद्यार्थियों को पढ़ाने के चलते लेखक की रचनाधर्मिता उनके लेखन में दिखाई देती है। उनकी नज़्म ‘बहारें’ से शुरुआत होती पुस्तक कशिश में लेखक ने अपने प्रिय के इन्तजार को दर्शाया है। इसके बाद ‘दास्तां ए मोहब्बत’ […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।