माँ…
इतनी भक्ति देना कि,विश्वास आप पर हर पल बना रहे,
इतनी शक्ति देना कि,हर संकट से मुकाबले को तैयार रहें
इतना ज्ञान देना कि,अंधेरों में राहों को ढूंढ पाएं,
इतना साहस देना कि,चुनौतियों को भी चुनौती दे पाएं…l
माँ…
इतनी श्रद्धा देना कि,श्रद्धेय को पहचान लें,
इतनी करुणा देना कि,आँखों की नमी को जान लें
इतनी ममता देना कि,हर बचपन पर,
दुलार और प्यार लुटा सकें,
इतनी समता देना कि,हर भेदभाव से ऊपर उठकर
मानवीय गुणों को आत्मसात कर सकें…l
माँ…
जानती हूँ ये जीवन आपके चरणों से शुरू हुआ,
मानती हूं आपके चरणों में ही मुक्ति भी है
पर,जीवन के मर्म समझ लूँ,इतना तो समय देना,
कुछ कर्ज़ चुका लूँ,इतना तो करम करना,
कुछ रिश्तों को बचा लूँ और कुछ बना लूँ
माँ…इतना तो सबर देना…ll
#मंजू शरण
परिचय: मंजू शरण की जन्मतिथि-२३ दिसंबर १९७९ और जन्म स्थान-समस्तीपुर(बिहार) हैl आपकी शिक्षा-एम.एस-सी. और बी.एड. है तथा कार्यक्षेत्र में शिक्षिका हैंl निवास का वर्तमान और स्थाई शहर-धनबाद(राज्य-झारखंड) ही हैl सामाजिक क्षेत्र-गतिविधि में आप महिला सशक्तिकरण तथा शिक्षा के क्षेत्र में सेवारत हैंl लेखन में आपकी विधा-श्रृंगार रस और समसामयिक लेखन हैl दैनिक पत्र-पत्रिकाओं में कहानियों और आपकी कविताओं का भी प्रकाशन हुआ हैl आपको दैनिक पत्र से `अपराजिता सम्मान` तथा `नेशन बिल्डर` सम्मान आदि दिए गए हैंl लेखन के क्षेत्र में आप साहित्यिक संस्थाओं से जुड़ी हुई हैं। आपके लेखन का उद्देश्य-जनमानस में नई सोच को दिशा देना तथा हिंदी के प्रति रुचि जगाना हैl