अनाथ को दो अपना हाथ

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aarti jain

अनाथ बच्चों का कोई क्यूं नहीं होता,नाथ,

उन रोते बच्चों के सिर पे रखने के लिए

क्यूं कोई नहीं होता,हाथl

हम हमेशा गर्व से बोलते हैं

सबसे बड़ा है हमारा,धर्म,
तो उन अनाथ बच्चों पे कोई धर्म, क्यूं नहीं करता,रहमl

मूर्तियों को करोड़ों के कपड़े पहनाकर हम

बढ़ाते हैं समाज की,आभा,
तो उन अनाथ बच्चों को वस्त्रहीन

देख क्यूं नहीं घटती समाज की,शोभाl

उन झूठे बाबा को जब मिलती है सजा,

तो आ जाता है हमें,रोना,
तो उन अनाथ को देख क्यूं नहीं

पसीजता हमारा,सीनाl

क्या गलती है उस अनाथ की जिसे,

तुम एक पल में कह देते हो किसी का,पाप,
ये मत भूलो कोई न कोई तुम्हारे बनाए

मजहब को मानने वाला होगा उसका भी,बापl

मानवता होती है लाज्जित जब कोई,

अनाथ करता है ठंडी रातों में खुले बदन,विलाप,

कैसे भूल जाते हैं हम अनाथ होना पाप है अगर,

तो कुंती ने भी तो मजबूरी में छोड़ा था कर्ण को,

फिर उसे कोई क्यूं नहीं कहता,श्रापl

मूर्तियों पर दूध की धारा बहाने वालों और,

मजारों पर चादर ओढ़ाने वालों कभी

उन अनाथों के भी बन जाओ नाथl

सच बोलती हूँ तुम्हारा भगवान हो या खुदा,

हो जाएगा खुश जब एक अनाथ को

तुम दोगे अपना हाथll

                                                          #आरती जैन
परिचय:  आरती जैन राजस्थान राज्य के डूंगरपुर में रहती है। आपने अंग्रेजी साहित्य में एमए और बीएड भी किया हुआ है। लेखन का उद्देश्य सामाजिक बुराई दूर करना है।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।