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आशिके दिलफेंक जो बनते रहे,
उनको भी वादा निभाना आ गया।
हाथ जबसे थामा है जाना तेरा,
अपने हाथों में खजाना आ गया।
फुरक़ते-शब और तड़पाते हैं वो,
नाज़ उनको भी दिखाना आ गया।
क्यों हैं मैखाने में तेरे खामोशी,
क्या तुझे हमको सताना आ गया।
साया लहराया तेरी उम्मीद का,
याद जब कोई फसाना आ गया।
देखना तू ख़ुश रहेगा अब ‘रऊफ’,
तुझको भी हंसना-हंसाना आ गया॥
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