एक बिंदिया छोड़ आए

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dangi

परिंदों संग हर मस्तियां छोड़ आए

गांव में हम कितनी हस्तियां छोड़ आए

 

यूं तो इक घर की दहलीज छोड़ी थी हमने

लगता है अब कई बस्तियां छोड़ आए

 

उलझनों की ये शब अब नहीं बिताई जाती

आम की छांव तले निंदिया छोड़ आए

 

अब कोई दिल को अच्छा नहीं जंचता है

सर जो वादे की एक बिंदिया छोड़ आए

 

शहर के कुछ समंदर नहीं पार होते

हौंसले की जो हम कश्तियां छोड़ आए

                                                                                 #माहीमीत

परिचय : माया नगरी मुम्बई में ‘माहीमीत’ नाम से लिखने वाले श्याम दाँगी मध्य प्रदेश के होकर इंदौर में पत्रकारिता में भी हुनर दिखा चुके हैं। फिलहाल भी यह मुम्बई के अनेक पत्रों में सक्रिय लेखन से जुड़े हैं तो पटकथा लेखन में लगातार सक्रिय हैं।इनकी लिखी हुई कहानियाँ ‘सावधान इंडिया’ और ‘क्राइम पेट्रोल’ में आ चुकी हैं। यह थिएटर में भी सक्रिय हैं और हाल ही में मंटो पर एक नाटक किया था, जिसमें मंटो का किरदार इन्होंने ही निभाया था।

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।