बी.डी. व्यास जी की धर्मपत्नी बड़ी शक्की मिजाज थीं। उनके शक की दवा तो हकीम लुकमान के पास भी नहीं थी। व्यास जी को कार्यालय से आने में जरा देर क्या हो जाती, श्रीमती जी अप्रत्याशित प्रश्नों की झड़ी लगा देती। भूले से कहीं ज्यादा देर लग जाती,तो वे कोप भवन में जा बैठती थींl और तब व्यास जी को को भोजन स्वयं ही परोसना पड़ता था।
कल ही तो श्रीमती जी का पैंतालीसवां जन्मदिन था। व्यास जी ने उन्हें `स्मार्ट फोन`,वो भी महंगा वाला उपहार में दिया। श्रीमती जी उपहार पाकर फूली नहीं समाई।
आज व्यास जी किसी कारणवश साढ़े दस बजे घर पहुंचे। वे मन-ही-मन परेशान थे,सुने जाने वाले बेहूदा प्रश्नों से । दरवाजा खोलते ही श्रीमती ने कहा-`अरे वाह,आ गए आप। मैं भी अभी-अभी आई हूं। शीलू भाभी से स्मार्टफोन चलाना सीखने गई थी।`
व्यास जी के चेहरे पर आधा इंच मुस्कान पसर गई। बिना कुछ कहे वे अंदर वाले कमरे की ओर चल दिए। उन्होंने जाते-जाते शायद अपने अब तक के वजूद को टटोलना चाहा हो। वे मधुर स्वर में बोले-`सुनो डार्लिंग,`थोड़ी थकान महसूस हो रही है। एक कप गरमा-गरम काफी मिल जाएगी?`
`अभी लाई जी।` कहती हुई पत्नी किचन की ओर चल दी। व्यास जी मन-ही-मन पुष्टि करने लगे कि,उनका वज़ूद अब पहले-सा नहीं रहा,बल्कि पुख्ता हो गया था।
#डॉ.चंद्रा सायता
परिचय: मध्यप्रदेश के जिला इंदौर से ही डॉ.चंद्रा सायता का रिश्ता है। करीब ७० वर्षीय डॉ.सायता का जन्मस्थान-सख्खर(वर्तमान पाकिस्तान) है। तत्कालिक राज्य सिंध की चंद्रा जी की शिक्षा एम.ए.(समाजशास्त्र,हिन्दी साहित्य,अंग्रेजी साहित्य) और पी-एचडी. सहित एलएलबी भी है। आप केन्द्र सरकार में अधिकारी रहकरजुलाई २००७ में सेवानिवृत्त हुई हैं। वर्तमान में अपना व्यक्तिगत कार्य है। लेखन से आपका गहरा जुड़ाव है और कविता,लघुकथा,व्यंग्य, आलेख आदि लिखती हैं। हिन्दी में ३ काव्य संग्रह, सिंधी में ३,हिन्दी में २ लघुकथा संग्रह का प्रकाशन एवं १ का सिंधी अनुवाद भी आपके नाम है। ऐसे ही संकलन ७ हैं। सम्मान के तौर पर भारतीय अनुवाद परिषद से, पी-एचडी. शोध पर तथा कई साहित्यिक संस्थाओं से भी पुरस्कृत हुई हैं। २०१७ में मुरादाबाद (उ.प्र.) से स्मृति सम्मान भी प्राप्त किया है। अन्य उपलब्धि में नृत्य कत्थक (स्नातक), संगीत(३ वर्ष की परीक्षा उत्तीर्ण),सेवा में रहते हुए अपने कार्य के अतिरिक्त प्रचार-प्रसार कार्य तथा महिला शोषण प्रतिरोधक समिति की प्रमुख भी वर्षों तक रही हैं। अब तक करीब ३ हजार सभा का संचालन करने के लिए प्रशस्ति -पत्र तथा सम्मान पा चुकी हैं। लेखन कार्य का उद्देश्य मूलतः खुद को लेखन का बुखार होना है।
पत्नी की मानसिकता को किस प्रकार सकारात्मक बनाया जा सकता है,” युक्ति ” इसका प्रतिबिम्ब है।
पत्नी के व्यवहार को कैसे सकारात्मक बनाया जाए,”युक्ति ” इसका प्रतिबिम्ब है।