सताते रहे…

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 bekhabar
दास्ताँ  दर्दे   दिल  की सुनाते  रहे।
वो  हमें   देखकर   मुस्कराते  रहे।
टूटकर के बिखरने से क्या फायदा।
ये  गलत है  उन्हें हम सिखाते  रहे।
जब कभी देखा गम़गीन मैंने उन्हें।
आँख  में अश्क अपने  छुपाते रहे।
हम शिकायत करें भी तो किससे करें।
जब  खुदा खुद ही मुझको सताते रहे।
याद में हम उन्हीं के तो शायर बने।
गा सके  न  ग़ज़ल  गुनगुनाते  रहे।
‘बेखबर’ को खबर हर पल की जो थी।
इन  पलों  मे  वो  सपने   सजाते  रहे।
                                                                                    #विनोद कुमार गुप्ता
परिचय: बेखबर देहलवी यानि विनोद कुमार गुप्ता लम्बे समय से लेखन क्षेत्र में सक्रिय हैं और नए रचनाकारों को सिखाते भी हैं। बेख़बर देहलवी साहित्यिक उपनाम रखने वाले श्री गुप्ता की शिक्षा बी.ए. है। आपका जन्म-१५ नवम्बर १९८१ में स्थान-सिकन्दपुर (बलिया,उत्तर प्रदेश) है। वर्तमान में आप दिल्ली में निवासरत हैं। खुशहाल परिवार में रहने वाले बेखबर देहलवी की रचनाओं का प्रकाशन देश के विभिन्न समाचार-पत्रों व पत्रिकाओं में हो चुका है। बतौर रचनाकार आपको-गगन स्वर हिन्दी सेवी सम्मान,हयूमिनिटी अचीवर्स अवार्ड,रंगायन सम्मान,काव्य रत्न व राष्ट्रीय सहित प्रादेशिक एवं स्थानीय स्तर पर भी बहुत सारी संस्थाओं से सम्मान मिला है। देशभर में बहुत सारे मंचों से आप काव्य पाठ कर चुके हैं और ब्लॉग पर भी कलम चलाते हैं। आपकी सम्प्रति दिल्ली में लेखा प्रबंधक की है। 

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।