न काम कोई…

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vijay rana
न काम कोई …………… दवा आएगी,
न काम कोई …………… दुआ आएगी
मौत आकर खड़ी होगी जब सामने,
हंस उड़ जाएगा,काया रह जाएगी…।
न काम कोई ………॥
किसे है पता काल के चक्र का,
तोड़ जीवन  मरण के वक्र का
अनहोनी होनी में बदलेगी जब,
न उस वक्त कोई सदा आएगी…।
न काम कोई ……………॥
कमा लो भले चाहे जितनी भी दौलत,
बढ़ा दो घरों के ……पहरों की औसत
रखेगा कदम काल…का चक्र जब भी,
न कोई भी मोहलत….दिला पाएगी…।
न काम कोई ………॥
है मिली जिन्दगी तो करो नेकियां,
न दौलत की  झूठी भरो शेखियाँ
नश्वर जहाँ में……….न कोई बचा,
नेकियां तेरी दुनिया सदा गाएगी…।
न काम कोई……………दवा आएगी,
न काम कोई……………दुआ आएगी॥
                                                              #विजय सिंह राणा ‘ध्रुव’
परिचय: विजय सिंह राणा ‘ध्रुव’ का सम्बन्ध उत्तरप्रदेश के बाँदा जिले से है। वैसे आप राणा सिंह विजय और उपनाम ‘ध्रुव’ लिखना पसंद करते हैं। जन्मस्थान-ग्राम लोहरा (बाँदा) है। एमए(इंग्लिश) और बी.एड.शिक्षित श्री राणा पेशे से शिक्षक होकर प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष भी हैं। लेखन में गीत,ग़ज़ल और कहानी लिखते हैं। कुछ कहानी अभी अप्रकाशित है।

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।