न काम कोई…

0 0
Read Time1 Minute, 32 Second
vijay rana
न काम कोई …………… दवा आएगी,
न काम कोई …………… दुआ आएगी
मौत आकर खड़ी होगी जब सामने,
हंस उड़ जाएगा,काया रह जाएगी…।
न काम कोई ………॥
किसे है पता काल के चक्र का,
तोड़ जीवन  मरण के वक्र का
अनहोनी होनी में बदलेगी जब,
न उस वक्त कोई सदा आएगी…।
न काम कोई ……………॥
कमा लो भले चाहे जितनी भी दौलत,
बढ़ा दो घरों के ……पहरों की औसत
रखेगा कदम काल…का चक्र जब भी,
न कोई भी मोहलत….दिला पाएगी…।
न काम कोई ………॥
है मिली जिन्दगी तो करो नेकियां,
न दौलत की  झूठी भरो शेखियाँ
नश्वर जहाँ में……….न कोई बचा,
नेकियां तेरी दुनिया सदा गाएगी…।
न काम कोई……………दवा आएगी,
न काम कोई……………दुआ आएगी॥
                                                              #विजय सिंह राणा ‘ध्रुव’
परिचय: विजय सिंह राणा ‘ध्रुव’ का सम्बन्ध उत्तरप्रदेश के बाँदा जिले से है। वैसे आप राणा सिंह विजय और उपनाम ‘ध्रुव’ लिखना पसंद करते हैं। जन्मस्थान-ग्राम लोहरा (बाँदा) है। एमए(इंग्लिश) और बी.एड.शिक्षित श्री राणा पेशे से शिक्षक होकर प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष भी हैं। लेखन में गीत,ग़ज़ल और कहानी लिखते हैं। कुछ कहानी अभी अप्रकाशित है।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

सुखकर्ता गणेश

Fri Aug 25 , 2017
विघ्नहर्ता-सुखकर्ता गणेश, करेंगे  आज घर-घर प्रवेश। रिद्धि-सिद्धि,   शुभ-लाभ, सहित पधारेंगे आज गणेश॥ बुद्धिदायक,चिंतामण गणेश, दूर करने आएं हमारे क्लेश। प्रिय मोदन  लड्डू का भोग, पाकर हो जाते प्रसन्न गणेश॥ फलदायक , एकदंत गणेश, शुद्ध करने आए हैं  परिवेश। माता-पिता की सेवा का पाठ, पढ़ाने घर-घर  आए गणेश॥ सुख समृद्धि […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।