एक नायिका के अंगो की उपमाएं

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ये यौवन क्या है तुम्हारा,
उमड़ता हुआ है समंदर।
डर लगता है इससे मुझको,
कहीं डूब न जाऊं मै अंदर।।

ये काली जुल्फे है तुम्हारी,
काली घटा भी इनसे हारी।
इनको जब तुम झटकती,
बिजली इनके आगे मटकती।।

ये आंखे क्या है तुम्हारी,
नीली झील से भी गहरी।
नौका विहार करूं मै इसमें,
जो दुनिया देखे मुझे सारी।।

ये मस्तक है जो तुम्हारा,
चमकता हुआ है सितारा।
इसमें सलवटे जब पड़ती,
बिजली भी इससे डरती।।

ये नाक क्या है तुम्हारी,
तोते से भी बहुत प्यारी।
इसमें नथ ऐसे चमकती,
मोती की तरह है दमकती।।

ये कान क्या है तुम्हारे,
तितलियों के पर है जैसे।
जब बालिया इनमें लटकाती,
तितलियां भी शरमा जाती।।

ये आवाज क्या है तुम्हारी,
कोयल से ज्यादा है प्यारी।
सुनता है जब कोई इनको,
दुनिया भूल जाता है सारी।।

ये होठ क्या है तुम्हारे
सारे गुलाब भी इनसे हारे।
अगर चूम लेता इनको कोई,
संकट मिट जाते उसके सारे।।

ये गरदन क्या है तुम्हारी,
सुराही भी इससे है हारी।
पीतीं जब कोई तुम शर्बत,
दंग हो जाते सब नर नारी।।

ये कपोल क्या है तुम्हारे
गुलाब भी फिरते मारे मारे।
जब इन पर हाथ कोई फिराता,
गुलाब के फूलो का आभास पाता

ये चाल क्या है तुम्हारी,
हिरणी की चाल इससे हारी।
होता अगर मै भी हिरण,
करता तुम पर मै सवारी।।

ये दांत है जो तुम्हारे
मोती भी इनसे है हारे।
जौहरी मै अगर होता,
माला इनकी एक पिरोता।।

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।