बहार

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ajay jayhari
आसमान पर काली घटाएं
छाने वाली है,
बेवक्त जाने-अनजाने
हम को हँसाने मन को गुदगुदाने
धरती को वृक्षों से
सजाने वाली है।
आसमान पर…..॥
बह रही है नदियाँ
निर्मल धारा बनकर,
देख रहा है दुःख
बेचारा बनकर,
गूंज रहा सुख नारा बनकर
धरती पर उगी मुलायम घास को
गाय खाने वाली है,
अपने बच्चों के लिए गई थी
जो चिड़िया लेने दाना
वो आने वाली है।
आसमान पर…..॥
दुःखों का सागर
हम पर फूटता हर पल था,
कुदरत का कहर बनकर
टूटता हर पल था,
खिड़कियों से आ रही ठंडी हवा
दुःख मिटाने वाली है,
थाल में सजकर
अपार खुशियाँ
घर आने वाली हैं।
आसमान पर…..॥
अगर हमें परवाह है
प्रकृति व उस पर,
उपलब्ध साधनों की
गिर रही है बूंदें बारिश की,
आनन्द ही आनन्द
मन भाव विभोर,
शरीर से निकलकर आत्मा
स्वर्ग में जाने वाली है।
आसमान पर…..॥
सुख से छिटकी दीमक
दुःख को खाने वाली है,
किस्मत आज सुख को
आजमाने वाली है,
आपस में मिलकर
असंख्य ईंटें
मकान बनाने वाली हैं।
आसमान पर…..॥
                                                                                  #अजय जयहरि
परिचय : अजय जयहरि का निवास कोटा स्थित रामगंज मंडी में है। पेशे से शिक्षक श्री जयहरि की जन्मतिथि १८ अगस्त १९८५ है। स्नात्कोत्तर तक शिक्षा हासिल की है। विधा-कविता,नाटक है,साथ ही मंच पर काव्य पाठ भी करते हैं। आपकी रचनाओं में ओज,हास्य रस और शैली छायावादी की झलक है। कई पत्र-पत्रिकाओं में कविताओं का प्रकाशन होता रहता है।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।