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जिस दिन हम घाव पर लगने वाले झंडू बाम होगें, न होगें कब्रिस्तान न श्मशान होगें। न पडे़गी जरुरत हमें हथियारों की, न सीमा पर शहीद जवान होगें। जिस दिन हम…॥ स्वर्ग में शांति से सोए होगें भगवान, न मंदिर-मस्जिद में लड़ रहे इंसान होगें। हर तरफ फैली होगी शांति, […]

गलत ढंग से गर भंसाली, रानी का इतिहास गढ़े। रानी ने आह्वान किया है, हो जाओ रजपूत खड़े। रानी ने आह्वान…॥ पैसे वाला खेल है खेला, पद्मावती को बना के लैला। आग द्वेष की भड़काकर के, सबके सिर पर मूंग दले। रानी ने आह्वान…॥ मानसिंह का यह कपूत है, लगता […]

हो गए इतने मशगूल कि फूल गए हो तुम, अंधे माँ-बाप का दर्द भूल गए हो तुम। पत्नी से पूछते हो-शाम को कहाँ चलना है, माँ-बाप के दो समय के खाने का वक्त भूल गए हो तुम…। हो गए इतने मशगूल…॥ बांध आए जिन्हें तुम वृद्धाश्रम के खूंटे से, एक […]

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बता रहा है शहर का जन-मन होगी इक दीवार खड़ी, टूट गया गांधी का सपना आरक्षण की मांग बढ़ी। बता रहा है…………..॥ बता के छोटा सिक्का खोटा चले न घर का खर्चा मोटा, बुद्धि प्रतिभा और कमजोरी आपस में दो बहिन लड़ी। बता रहा है……………..॥ हो गया लोकतंत्र बेढंगा बुद्धि […]

दुःख दर्द भी जिसका मजा लूट रहे हैं, वही आँसू आज मोती बनकर छूट रहे हैं। रिश्तों की खनखनाहट है और टूटने का डर, बचाने के लिए आँखों से आँसू फूट रहे हैं। होंठ पड़े हैं निःशब्द पूछने के लिए क्या हुआ? करीब जाने का रस्ता ढ़ूढ़ रहे हैं। जीवनभर […]

दिल से क्या खता हो गई हमसे, कर दिया बेसहारा घर छोड़कर निकले थे हमारा, तन्हाई में यूँ सफर कटता नहीं दे गए गम बहुत सारा। प्यार की नजाकत को समझ पाते गर तुम, टूटता नहीं ये रिश्ता प्यारा। शाम ढलने को है चांद निकलने को, मुलाकात होगी बनकर तारा। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।