आदत

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pawan chouhan

आदत

छोटी-सी उम्र से ही,

मैंने देखा है

पिता को रखते हुए

घर का एक-एक हिसाब

और तुम कहते हो,

वे मुट्ठी में पादते हैं

 

दादा को एक ही चिढ़ रही

पिता की उस छोटी-सी नौकरी से सदा

नौकरीपेशा होते हुए भी दादू

ले लेना चाहते थे,

पिता की सारी तनख्वाह

बेटे के अपने परिवार की जरुरतों

और बच्चों की भावनाओं को

फेंकते हुए चले में

जोर सेl

 

हम तीन भाई-बहन रोते रहे

और

चाचा के तीनों बच्चों को

दादा-दादी खिलाते रहे

खूब सारा घी-मक्खन

और मांगने से पहले ही देते रहे

पैसे और

खूब सारा प्यारl

 

कच्चे घर की उस छोटी-सी खिड़की से

देखते रहे सब हम तीनों

दादा-दादी की कुटिलताएं

और अपनी जीभ को मलते रहे होंठों पर

लेते रहे घी और मक्खन का स्वाद

बस इसी तरह ही..

 

पिता खाते रहे लाठियॉं

मॉं-बाप और भाई से

चुपचाप

संस्कारित बनकर

देते रहे हमेशा अपने हिस्से से ज्यादा

उन्हेंl

 

हम तीन

साथ में मॉं भी,

देखते रहे एक-दूजे की आँखों में

पसरा हुआ

आने वाला डर

 

मॉं मायके से ढोती रही

जरुरत का हर सामान

करती रही डर को कम करने का प्रयास

और जोड़ती रही

हमारे सपनों की एक-एक फ्रेमl

 

हमारी जिंदगी बस

गुजरती रही

उस पुश्तैनी कच्चे घर के एक कमरे में

यूँ ही खामोशी से,

बहुत वर्षों तक

मॉं और पिता खाते रहे

अशांत होकर

शांत मन से

नमक के साथ ही रोटी

चुपचाप

गर्भावस्था के दौरान भीl

 #पवन चौहान

परिचय : पवन चौहान का गांव महादेव और तहसील सुंदर नगर(जिला-मण्डी,हिमाचल प्रदेश) हैl आपका जन्म १९७८ का हैl 

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।