जज़्बातों को छेडो़ मत, ज़ख्मों को कुरेदो मत जिन्दगी ये कुछ नहीं, टूटे हुए ख्वाब है मौन रह सब सहा, पग-पग दर्द रहा काँटों-सा ही चुभते ही, यहाँ पे गुलाब हैं नित नये दिखे रुख, समझ ना आये कुछ जिन्दगी न देती कभी, प्रश्नों का जवाब है अंधेरों से आ […]
ये बारिश तन गीला कर दे, ये बारिश मन गीला कर दे| जम के बरस रही है बारिश, जैसे रग-रग गीला कर दे|| सब कुछ गीला–गीला कर दे, आसमान को नीला कर दे| दादुर भी अब सरगम गाएं, सब कुछ शीतल–शीतल कर दे|| गर्मी को झट विदा ये […]
आदत छोटी-सी उम्र से ही, मैंने देखा है पिता को रखते हुए घर का एक-एक हिसाब और तुम कहते हो, वे मुट्ठी में पादते हैं दादा को एक ही चिढ़ रही पिता की उस छोटी-सी नौकरी से सदा नौकरीपेशा होते हुए भी दादू ले लेना चाहते थे, पिता […]
तिरंगा ओढ़ करके देख,तेरा लाल आया है। न प्राणों की फिक्र की,मातृ इज्जत को बचाया है।। न रोना माँ मेरी वरना,तिरंगा भीग जाएगा। तिरंगे के लिए ही हमने,जीवन को गँवाया है।। लहू के रंग से जिसने,तिरंगे को सजाया है। कफ़न में ओढ़कर अपने,तिरंगे को वो आया है।। सुहानी शाम जिसने […]
फिर इस बार होली पर वो, सच कितना इठलाई होगी.. सत रंगों की बारिश में वो, छककर खूब नहाईं होगी….। भूले से भी मन में उसके, याद जो मेरी आई होगी.. होली में उसने नफरत अपनी, शायद आज जलाई होगी….। ये क्या हुआ जो बहने लगी, मंद गति शीतल सी […]
नफरतों की आंधियां है, रिश्ते बनाकर चलिए, दुश्मनों की कमी नहीं,दोस्त बनाकर चलिए। सब कुछ बिक रहा है झूठ के इस बाजार में, अपने ईमान को जरा-सा संभालकर चलिए। कांटों से भरा सफर है दामन बचाकर चलिए, सियासतों का शहर है बोली लगाकर चलिए। अब ये दौर नहीं बचा सवाल […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।