सावन में बिन बूंदों के बादल अच्छे नहीं लगते होश वाले हो जाएँ पागल अच्छे नहीं लगते सजनी के लहराते आँचल अच्छे नहीं लगते साजन बिन चूड़ी-कंगन-काजल अच्छे नहीं लगते अट्टालिकाओं को जाने क्यों हम तुम जान समझ बैठे बिन संवादों के घर-आँगन अच्छे नहीं लगते #पवन गहलोत (रोहतक, हरियाणा)  […]

श्रावण मास तीज की, सिन्जारे पर प्रीत की गोरी कोरे हाथों पर, मेहंदी रचायगी हाथों का शृंगार कर, खुद  को संवार कर लाल सुर्ख जोड़े में वो, पिय को रिझायगी मेहंदी दिखा के वह, सीधा कह देगी वह नखरें न आज वह, पिय के उठायगी जुल्फ मेरी बिखरेगी, चान्द से […]

आज रोटी के लाले है मगर दस दिन से एक पंडित घर में डेरा डाले है! हवन कि खुशबु से घर, आंगन महक रहें हैं मायुश चेहरों पर आशा के पंछी चहक रहें हैं घर का चूल्हा राख से अट्टा पड़ा है किन्तु अग्नि कुंड में दहकते ज्वाले है ! […]

आँगल में अठखेलियां करता अबोध बच्चा बगल के कमरे में सोई हुई उम्र दराज दादी । खेत में पसीना बहाता पिता, घर के पीछे बने बाड़े में पशुओं का जुगाली करते हुए घर की दहलीज की और निहारना, माँ के होने का अहसास करवाते है। रसोई में व्यवस्थित पड़े बर्तन, […]

हाथों में चाय के गिलाश , आँखों में दम तोड़ते सपनें, चौराहो पर कचरा उठाती मासूमियत, मेले-कुचैले कपड़ो में गरीबी दुबककर सोई हुई होती है। बच्चे अक्सर बचपन में जवान होने लगते है। स्कूल की दीवारों को निहारती नम आँखे, उम्मीद के दहलीज को लांघता हुआ मन, रोक देता है […]

दहकती धरती को देखकर, लाशों के ढेर की गिनती करते रो रहे है, राम और रहीम कल अचानक बवाल उठा, बिच चौराहे पर लड़ पड़े दो इंसान, भीड़ की संख्या बढ़ने लगी जनता दो धड़ो में बंटने लगी। अरे! जो लड़ रहे है ,वे इंसान नही है, कुछ हिन्दू कुछ […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।