साहो:एक्शन,रोमांच, रहस्य का कॉम्बो पैक, कहानी कमज़ोर

0 0
Read Time6 Minute, 29 Second

साहो
एक्शन,रोमांच, रहस्य का कॉम्बो पैक, कहानी कमज़ोर
लेखक- निर्देशक :- सुनीथ
कलाकार:- प्रभास, शृद्धा कपूर, नील नितिन मुकेश, जैकी श्रॉफ, चंकी पांडे, मंदिरा बेदी, मुरली शर्मा, टीनू आनन्द व अन्य
संगीत तनिष्क बागची,
फ़िल्म 4 भाषाओ तमिल, तेलगू, कन्नड़, मलयालम, हिंदी
तेलगू के अधिकार 125 करोड़ ₹ में बीके
तमिल भाषा मे 700 स्क्रीन्स
तेलगू में 3000
मलयालम-कन्नड़ में 800 स्क्रीन्स
पांचों भाषाओँ में 10000 स्क्रीन्स पर प्रदर्शित हो रही है जो कि अपने आप मे एक नया कीर्तिमांन है,
बजट और अनुमान
350 करोड़₹ के बजट में बनी फिल्म निसन्देह भारतीय सिनेमा की एक बड़ी महंगी फ़िल्म है,
जितने स्क्रीन्स मिले है उस अनुसार 55 से 70 करोड़ की शुरूआत मिल सकती है,
प्रस्तावना
चोरी पर हॉलीवुड, बॉलीवुड में कई फिल्में जैसे इटेलियन जॉब, ओशन 11, 12, 13, धूम सीरीज बन चुकी है पर इस फ़िल्म में नया अंदाज़ देखने को मिला,
कहानी
मुम्बई में लोकल अंडर वर्ल्ड और चोरों का गिरोह सक्रिय है, उनका सम्बन्ध वाची के माफिया लीडरों से है,,
जिसमे हैं कई अंडरवर्ल्ड माफिया है,इन सब के सामने एक और गैंगस्टर है है जो की इन सब माफिया को मार कर मुम्बई पर राज करना चाहता है, इसके लिए वह एक ब्लेक बॉक्स जिसमे तमाम गैंगस्टर की जानकारी हैं चुरा कर हासिल करना चाहता है,
इधर मुम्बई में एक दो हज़ार करोड़ की चोरी होती हैं जिसकी खबर वाची(दुबई) तक पहुचती हैं,
इधर चोरी करने वाला हीरो है, जो कि चोरी के साथ मुम्बई के लोकल माफ़िया का सफाया भी कर रहा है, उधर वाची(दुबई) में यह खबर पहुचती है कि मुम्बई में एक बड़ी रहस्यमयी तरीके से चोरी की गई हैं जिसकी खबर वाची तक गैंगस्टर माफिया तक पहुचती है अब माफिया उस चोर से वह ब्लेकबॉक्स चुरवाना चाहता है जिसमे बाकी माफिया की जानकारी हासिल करके उनका खात्मा कर अंडरवर्ल्ड किंग बन सके, माफिया हीरो की प्रेमिका जो पोलिस वाली भी है को अगवा करवा लेता है फिर शर्त ब्लेक बॉक्स लाओ प्रेमिका को ले जाओ, फ़िल्म में ट्विस्ट और टर्न्स आते हैं लेकिन कहानी नदारत लगी,
कौन शिकार है और कौन शिकारी– खैर इस जवाब के लिए आपको फ़िल्म देखनी पड़ेगी,,
वेषभूषा और मेकअप गेटअप
वेशभूषा पर भास्कर विजय ने सटीक काम हैं, हर किरदार की कॉस्ट्यूम में समझोता न करते हुवे लाजवाब काम किया गया हैं,,

कबीर शिंदे ने उपयुक्त कला का प्रदर्शन करते हुवे हर किरदार को सज़ा दिया है खासकर चंकी पांडे, मंदिरा बेदी को,,
स्पेशल इफेक्ट्स, VFX
भारत मे पहली बार हॉलीवुड की टक्कर का काम देखने को मिला क्योकि तकनीकी निर्देशक उधर से ही लिए गए थे
डेनिलो बेनेथिली, पेट ड्रेपर का काम शानदार
एक्शन
केनी बेट्स हॉलीवुड एक्शन निर्देशक के निर्देशन में कुछ दृश्यों का फिल्मांकन तो गजब का हुवा है जैसे अबुधाबी में कार चेसिंग दृश्यों में 90 गाड़ियों का इस्तेमाल के साथ 80 कैमरों से दृश्यों का फिल्मांकन हमे हॉलीवुड के सामने सीना ठोक खड़ा कर देता है,,,
संगीत
तनिष्क बागची ने एक गाना सैय्या साइको बढ़िया बनाया है
पार्श्व ध्वनि के घिबरण ने अच्छा काम किया है जो कि फ़िल्म के दृश्यों को और प्रभावी बना देता है
चार गाने हैं, चारो फ़िल्म को आगे बढ़ाने में कोई मदद नही करते, जबरन ठूंसा गया प्रतीत होता हैं,,
फिल्मांकन
आर माथि ने कुशल फिल्मांकन करते हुवे
रोमानिया, मुम्बई, दुबई के सभी दृश्यों के साथ न्याय किया, एक दृश्य में उल्टे एंगल से सीन शुरू होता है और हीरो पर पैन होकर एंगल सीधा होता है यह एक नया और विविधता भरा प्रयोग है,
सम्पादन
श्रीकर प्रसाद का सम्पादन कमज़ोर है,
केवल एक्शन दृश्यों पर ध्यान दिया गया जिससे कहानी की पकड़ छूटती लगी,,
अदाकारी
प्रभास मंजे हुवे अभिनेता है, हिंदी डब उन्होंने खुद सिख कर की है, शृद्धा कपूर जितनी सुंदर है अभिनय में उतनी ही पारंगत भी है, लेकिन भारतीय महिला पोलिस को हॉलीवुड की तरह तवज्जो नही दी जाती यही यहां भी हुवा है,,
चंकी लाजवाब काम कर गए है,,जैकी, मंदिरा, नील, महेश, मुरली शर्मा हर कलाकार ने किरदार से न्याय किया है
निष्कर्ष
फ़िल्म पूरी तरह मसाला फ़िल्म है, एक्शन, सस्पेंस, थ्रिल, रोमांस लेकिन फ़िल्म में इमोशन की कमी है जो कि खाने की थाली में कम नमक की तरह महसूस होता है, दूसरा फ़िल्म की कमज़ोर कहानी

फ़िल्म को
3 स्टार्स

समीक्षक
इदरीस खत्री

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

देखते हैं

Sat Aug 31 , 2019
अपनी ही धुन में मगन देखते हैं फैशन का इस तरह चलन देखते हैं मर्यादा रखी गई ताक पर अधनंगा बदन देखते हैं लोग अपने आप मे सिमटने लगे खो रहा अपनापन देखते हैं रिश्तों में हो रही खटास जुबान पे कड़वापन देखते हैं तालुक कौन रखता है झोपड़े वालों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।