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हे विद्या की देवी
हिंदी
तुझे पुकारता
जग सारा
तेरे शब्द भंडार है
अतुल्य।।
चारों तरफ आलोक
है तेरा
तीन रंगों की महिमा
धारी
वात्सल्य की सी
मूर्ति खड़ी।।
गुणगान करे शक्ति
स्वरूपा का
सरस्वती हिंदी काया
छाया का
कलमधारी न्यारी
चित्रित रूपा का।।
वंदन करे
अब हर भारती
अब लगे तू प्यारी
भारत माता सी
श्रृंगार कलश पूजन
को है खड़ा।।
संकल्प है हिंदी
माता बसे मन में
अब मिलकर करो
तिलक गान
राष्ट्र भाषा हिंदी
अब भरे मुस्कान।।
जय हिंदी जय जय हिंदी।।
ठाकुर तारा हिमाचल प्रदेश
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