आशा की किरण

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आज अंधेरा है,कल उजाला भी आयेगा,
आज किसी का है,कल हमारा भी आयेगा।
उम्मीद पर है दुनिया कायम ए मेरे दोस्तो,
ये अंधेरा इस संसार का कल मिट जायेगा।।

रखो आशा की किरण,निराशा से क्या होगा,
निराश होकर कभी भी कोई काम नहीं होगा।
निराशा मे ही आशा छिपी है ध्यान से देखो,
कल फिर यह हमारा भविष्य उज्ज्वल होगा।।

ध्वनि एक प्रतिध्वनि है,फिर लौट कर आयेगी,
जो कुएं में ध्वनि करोगे,वहीं ध्वनि फिर आयेगी।
यही प्रकृति का नियम ,जो सदियों से चल रहा,
आज गम है जीवन में,कल खुशी लौट आएगी।।

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

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