रंगो की बाग मै फूल रंग का खिलता है
ए मौका वर्ष मैं एक बार, बसंत मै मिलता है…..
रंग गुलाल से बनती है हर घर मै रंगोली
कितना मधुर कितना पावन है
ए रंगो की ए होली ………..
कहीं रंग गुलाल उड़े
कहीं चले पिचकारी……
कहीं मीठी पकवान बने
कोई पिये मदिरा भांग……..
कोई राधा-कृष्ण गान करे
कोई करे नृत्य निराली
रंग गुलाल मीठा सहीत
चढ़ते है प्रभु को थाली………
बड़ो को टिका लगा कर
लेते है सब आशिश …..
बड़ा सकुन मिलता है
झुका के बड़ो के आगे सिस……
हर दुवेश भूल कर
अपनो को गले लगाते है…..
इस खूबसुरत अवसर पर
दूशमान भी दोस्त बन जाते है …
#अमित मिश्रा
परिचय : अमित मिश्रा की जन्मतिथि-७ जनवरी १९८९ तथा जन्म स्थान-आबादपुर,जिला-कटिहार(बिहार)हैl आप वर्तमान में जयपुर विमानतल के समीप सीआईएसएफ इकाई(प्रताप नगर)में रहते हैंl श्री मिश्रा बिहार राज्य के शहर बरसोई से होकर बी.ए.(ऑनर्स)तक शिक्षित हैंl आपका कार्यक्षेत्र-सीआईएसएफ ही हैl हिंदी लेखन के शौकीन अमित जी की लेखन विधा-गीत,ग़ज़ल,कविता सहित कथा,लघुकथा एवं मुक्तक हैl आपके लेखन का उद्देश्य मन के भावों को उकेरना हैl