क्यों दया करें तुम पर

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केरल में पशुओं के साथ दुर्व्यवहार का एक बेहद शर्मनाक मामला सामने आया है। दरअसल, यहां शनिवार को एक गर्भवती हथिनी की मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक वह बहुत ही शांत स्वभाव की थी, किसी को न तो परेशान करती ना ही फसल खराब करती। भूखी होने के कारण गांव में घूम रही थी कुछ शरारती मानव पिशाचों ने उसे पटाखों से भरा अनानास खिला दिया। अनानास मादा हाथी के मुंह में फट गया जिससे वह बुरी तरह से जख्मी हो गई, जख्मी होने के कारण पास ही नदी में जाकर मुंह पानी में डालकर खड़ी रही, वन विभाग ने जब उसे रेस्क्यू किया तो अगले दिन उसकी मृत्यु हो गई, मृत्यु उपरांत पता चला कि वह गर्भ से थी, आखिर उसके गर्भ में स्थित छोटे से जीव ने किसी का क्या बिगाड़ा था ? यह पैशाचिक कृत्य करते तुम्हे शर्म नही आई मानव, इसी प्रकार अन्य जगह भी जीवों को आनन्द के लिए मार दिया जाता है, तो फिर क्यों रोते हो, बिलखते हो, प्रकृति जो कर रही है, बिल्कुल सही कर रही है।

मंगलेश सोनी
मनावर (मध्यप्रदेश)

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प्रकृति प्यारी

Fri Jun 5 , 2020
बड़ होता बड़ा, पीपल देती शीतल छायानीम करता हवा शुद्ध आँवला औषधियुक्त। बबूल दंत की औषधि वेर खजूर मधूरतार  का  बुलंद  हौसला छूती गगन ।। आम,   लीची,  कटहल  तो देते वृद्धिदेश विदेश सैर कर  लाते है  समृद्धि।। औषधियों  से  भरा हरे  भरे घनघोर वनइनके छाल,पत्ते जड़ और फल संवारे तन। […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।