इसको तो हिंदुस्तान कहो

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satishchandra sharma
हिंदी है भाषा मात्र नहीं
भारत माता का मान कहो।
यह मानवता का जन्मपत्र
इसको तो हिंदुस्तान कहो।
        इसको संतों के आश्रम में
       मर्यादाओं ने पाला है ।
       इसकी साँसों में यज्ञ ,गन्ध
        ऋषियों -मुनियों ने डाला है।
               कबिरा की चादर कहो इसे
               इसको तुलसी ,रसखान कहो।
इसके आँगन हरिऔध,जायसी
केशव पुष्प खिला करते ।
इसके चरणों में नत बैठे
कितने रविदास मिला करते।
              मीरा बाई और सूरदास की
              कृष्ण भक्ति का गान कहो।
यह भारतेंदु की भाषा है
जय शंकर और निराला है।
इसको दिनकर जी,पन्त
महादेवी ने पोसा पाला है।
             मति राम,बिहारी,प्रेमचंद
             की काव्य कथा,गोदान कहो।
मैथिली शरण की काव्य कला
से, पुष्पित,सज्जित भाषा है।
यह माखन लाल चतुर्वेदी
के,पुष्पों की अभिलाषा है।
             इसको बच्चन की मधुशाला
भूूूषण का स्वाभिमान कहो।
यह किसी जाति, मजहब की
न,बस इंसानों की भाषा है ।
मानवता का है श्वांस तंत्र
यह जीवन की परिभाषा है।
            भारत ही नहीं विश्व भर में
            प्रसारण का अभियान कहो।
चौदह बहनों के साथ सदा
मिल जुल कर खाई-खेली है।
बहनों में सबसे बड़ी,विश्व
भाषाएं सखी- सहेली हैं।
           जो हटा रहे हैं आसन से
          उनका लेंगे वलिदान कहो।।
#डॉ0सतीश चंद्र शर्मा “सुधांशु”
बदायूँ (उत्तरप्रदेश)

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।