मातृभाषा उन्नयन सम्मान का आयोजन हुआ दिल्ली में

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# ३० रचनाकारों की प्रकाशित किताबों के लिए मिला मातृभाषा उन्नयन सम्मान

# साझा संग्रह मातृभाषा भाग २ का भी विमोचन हुआ

इंदौर ।

नगर की प्रतिष्ठित एवं हिन्दी आंदोलन के लिए सक्रीय साहित्यिक संस्थान मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा वार्षिकी का आयोजन ५ जनवरी २०१९ को दिल्ली के एन डी तिवारी भवन में वरिष्ठ पत्रकार डॉ वेद प्रताप वैदिक, साहित्यकार डॉ लक्ष्मीशंकर बाजपेयी, साहित्यकार अतुल प्रभाकर, फिल्म अभिनेत्री व साहित्यकार उर्मिला माधव के आतिथ्य में “मातृभाषा उन्नयन २०१९ सम्मान” ३० साहित्यकारों दिया गया साथ ही उनकी 30 पुस्तकों का विमोचन भी हुआ।

हिंदी भाषा को प्रचारित एवं प्रसारित करने के उद्देश्य से संचालित मातृभाषा.कॉम द्वारा अपने वार्षिक आयोजन में ३० साहित्यकारों की निजी पुस्तक का विमोचन भी किया एवं साथ हिन्दी प्रचार हेतु लिखी कविताओं का साझा संग्रह मातृभाषा.कॉम (भाग २) का भी विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया।  मातृभाषा.कॉम द्वारा प्रद्दत मातृभाषा उन्नयन सम्मान में डॉ. वासिफ काज़ी, अनिता मंदिलवार सपना, नीरजा मेहता ‘कमलिनी’, शशिकला व्यास (भोपाल), पूनम (कतरियार), रिखबचन्द राँका ‘कल्पेश’, डॉ. ऋचा त्रिपाठी, प्रीति हर्ष, आरती तिवारी, धनराज वाणी, वंदना गुप्ता, डी. कुमार ‘अजस्र’,.नवनीता कटकवार,अशोक महिश्वरे, डॉ. उपासना पाण्डेय, डॉ. भारती वर्मा बौड़ाई, शिखा सिंह भारद्वाज, उर्मिला मेहता, नीता त्रिपाठी, वसुंधरा राय, नरेंद्रपाल जैन, वर्षा अग्रवाल, रिंकल शर्मा, अदिति रूसिया,अंजलि वैद, प्रिया यश सम्मानित हुए।  इन सभी रचनाकारों की १६ पृष्ठों की निजी एकल लघु पुस्तिका भी विमोचित हुई। इन्ही के साथ रक्षित दवे की गुजराती अनुवादित पुस्तक काव्यपथ जिसे मुलत: डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’ ने लिखा वह भी विमोचित हुआ।

इसके अतिरिक्त देवास के पत्रकार और खबर हलचल न्यूज के प्रदेश संपादक प्रिंस बैरागी, संवाददाता लक्ष्मण जाधव , कश्मीर संवाददाता शाह एजाज को संस्थान द्वारा उत्कृष्ट हिन्दी पत्रकारिता हेतु भाषा सारथी सम्मान दिया। आयोजन का संचालन अंतराष्ट्रीय हास्य कवि दिनेश देहाती ने किया व आभार संस्थापक डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’ ने माना।

 

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।