Read Time2 Minute, 14 Second
“लिये है सात फेरें
सात वचनो को निभाऊँगी
जाओगें जब सरहद पर
आँसू नही बहाऊँगी
तुम लौटकर आओ तो
हाथों में तिरंगा रखना
खाली नहीं आना….
चाहे तिरंगा ओढ़़कर आना”
…………………………
किया था तुमने वादा
वादा है तुमने निभाया
सीने पर खाकर गोली
वतन को अपने बचाया
उजड़ा है सिन्दुर मेरा
मंगलसूत्र भी छुटा
गर्व है मुझको तुम पर
किंतु वादा नही टूटा
खाती हूँ सौगंध मैं
सर पर कफन बांध लूँगी
सिन्दुर दिया है मैंने
बेटा भी तुझको दूँगी
समझ ले ओ आंतकी
आंतक को पनाह देने वाले
भारत की धरती पर
आतंक फैलाने वाले………
…………………..
यह भारत की मिट्टी है
मिट्टी पर हम मरते हैं
भारत माँ कि कोख में
कितने ही वीर पलते हैं
#धनराज वाणी
परिचय–
श्री धनराज वाणी ‘उच्च श्रेणी शिक्षक’ हाई स्कूल उबलड विकास खण्ड जोबट जिला अलिराजपुर में 30 वर्षो का सेवाकाल (मूल निवास जोबट)
जन्म स्थान जोबट(मध्यप्रदेश)
पत्नि का नाम -कविता वाणी (प्राचार्य )इनकी भी साहित्य में रुचि व महिला शसक्तीकरण के क्षेत्र में कार्य व आकाशवाणी मे काव्य पाठ किया
2.शिक्षा-एम.ए.बी.एड.(समाजशास्त्र)
3.रुचि-साहित्य व रचनाकार
विषय-वीरस,चिंतन,देशभक्ति के गीत व कविताओं की रचना
4.उपलब्धियां-आकाशवाणी इंदौर से 7 बार काव्य पाठ किया व स्थानीय,जिलास्तरीय व अखिल भारतीय मंचो से भी काव्यपाठ किया!
वर्तमान में अर्पण कला मंच जोबट मे साहित्य प्रकोष्ठ का प्रभार है.
5.बचपन से साहित्य के प्रति रुचि व हिन्दी के प्रति प्रेम
Post Views:
536
Fri Jan 18 , 2019
हम भारत माँ के लाल कैसे सह लेंगे अपमान हमकों अपनी बेटियों में भी दिखता हिंदुस्तान यादें कहती हमकों की चितौड़ हमारा सदा से पंजाबी शौर्य गाथा गाते गुरु गोविंद जी महान कभी अवंति बाई तो कभी लक्ष्मी बाई आती धरती का प्यास बुझाने चलाती दोनो कृपाण कभी मरकर भी […]