दिल से देता हूँ वोट

0 0
Read Time2 Minute, 26 Second
jaswant
किसी की नहीं सुनता मैं ये , आज कह रहा ।
मैं दिल से देता हूँ वोट , पैसों से नहीं ,
मेरा वोट है मेरा हक , शान से कह रहा ।।
ये चुनावी हथकंडे है , ये तो रोज आएंगे ,
ये हाथो को जोड़ कर , हमारे पाँव दबाएंगे ।
इन लोगो की बातो में , तुम कभी ना आना ,
ये हाथ जोड़ने वाले फिर , हमको दबाएंगे  ।।
राजनीति के ये चोंचले है , सम्भल जाओ तुम ,
मीठे-मीठे है बोल इनके , सम्भल जाओ तुम ।
ये आज बोल रहे , कल चुप्पी साधेंगे ,
ये राजनीतिक जुमला है , सम्भल जाओ तुम ।।
काका , दादा और भैया  , तुम्हे कह के बुलाये ,
चन्द पैसो का लालच देके , तुम्हे पास बुलाये ।
पल भर में बदल देते है  ये , अपना यह रुप ,
एक साइन करने के लिए , रोज दफ्तर बुलाये ।।
इनका कोई सगा नही, कोई दोस्त नही है ,
बस पैसे के भूखे है , सिर्फ  होश यही है ।
इनको नही मतलब तुमसे , जीत जाए तो ,
ये चुनावी गिरगिट है,  इनका दोष नहीं है ।।
वोट पर है अधिकार , देना तोल-मोल के ,
गलती से भी ना देना ,कभी बोतल खोल के ।
एक वोट तुम्हारा बनाता है, अच्छी सरकार ,
फिर पांच साल तक , जीना दिल खोल के ।।
सफेद कुर्ते वाले रोज , मिल ही जाते है ,
राजनीति के दाव पेंच  , लड़ ही जाते है ।
इन सबका नुकसान , आम आदमी भरे ,
ये राजनेता रोज नए , पकवान खाते है ।।
” जसवंत ” कहे ,  राजनीति बुरी नही है ,
इन नेता  की ईमानदारी , पूरी नही है ।
स्वच्छ राजनीति अपना ले तो, बात ओर बने ,
सोने की चिड़िया बने भारत , दूरी नहीं है ।।

नाम – जसवंत लाल बोलीवाल ( खटीक )

पिताजी का नाम – श्री लालूराम जी खटीक ( व.अ.)

माता जी का नाम – श्रीमती मांगी देवी

धर्मपत्नी – पूजा कुमारी खटीक ( अध्यापिका )

शिक्षा – B.tech in Computer Science

व्यवसाय – मातेश्वरी किराणा स्टोर , रतना का गुड़ा

राजसमन्द ( राज .)

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

छुट्टी गर्मी की

Sun Apr 28 , 2019
लो हो गयी छुट्टियां गर्मियों की मन में जगी आस अपनों से मिलने उत्सुक है होगी मीठी बात कुछ शादियों में जायेंगे जमकर धूम मचाएंगे बच्चे नाना नानी को नाको चने चबाएंगे दादा दादी से मिलकर सुनेंगे नई कहानी टीवी होगा अपना बेट बल्ला  होगा जानी नही घूरेंगे मम्मी पापा […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।