सात रंगों में लिपटा हुआ,
मेरा ये प्यार है।
आसमान पर होता मुझे,
मेहबूब का दीदार है॥
प्यार के ये सात रंग,
सात जनम है अपने।
मुहब्बत के मानसून में,
सच होंगे सब सपने॥
#वासीफ काजी
परिचय : इंदौर में इकबाल कालोनी में निवासरत वासीफ पिता स्व.बदरुद्दीन काजी ने हिन्दी में स्नातकोत्तर किया है,इसलिए लेखन में हुनरमंद हैं। साथ ही एमएससी और अँग्रेजी साहित्य में भी एमए किया हुआ है। आप वर्तमान में कालेज में बतौर व्याख्याता कार्यरत हैं। आप स्वतंत्र लेखन के ज़रिए निरंतर सक्रिय हैं।
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Fri Jul 28 , 2017
हो जो कोई मेरा विरोधी, मैं सहर्ष करूँ उसको स्वीकार। दृष्टिकोण उसका भी समझूँ, ना करूँगा उसका प्रतिकार॥ समझकर उसके विचार, बदलूंगा अपना व्यवहार। बदलेगी जीवन शैली तब, बदलेगा मेरा आचार॥ नई सम्भावनाएं,नए दृष्टिकोण, मन में मेरे लेंगे आकार। शुद्ध व्यक्तित्व मेरा होगा, होंगे दूर,मन के विकार॥ हो जो […]