*भोल़ी जनता*

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babulal sharma

चंट चतुर चालाक छै, नेता  नागर  नाग।
सीधे सादे सादगी, जनता जगती  जाग।
जनता जगती जाग,बबेरो बोल बणायो।
आयो  दौर चुणाव, घणेरो ढोल बजायो।
कहे लाल कविराय,वोटाँ का घलगा घंट।
जनता  रही भोली, नेता  वाँ बणगा चंट।
.          🏉🏉🏉🏉🏉
दल बदली नेता करै,छल बल धन की मार।
जनता  जोरी   सूँ लड़ै ,इणमै  कोनी   सार।
इणमैं  कोनी   सार , बिना  पेंदी  का  लोटा।
इनकूँ  दो  ढुल़काय , समर्थन  करदो  नोटा।
कहे लाल कविराय, फले जद  काटे कदली।
उनकूँ सबक सिखाय,करै ये जो दल बदली।
.          🏉🏉🏉🏉🏉
भोल़ी जनता लुट रई,नेताँ, दल़ हुशियार।
बुगला भगती जोर की,मन मैं छै अय्यार।
मन मैं छै अय्यार, सगा छै धन का कोरा।
कठै हुया आजाद, बण्या ये ही अब गोरा।
बचै लाल मुसकाय,चलै जब लाठी गोली।
ये तो बच भग जाय,मरै या जनता भोल़ी।

नाम– बाबू लाल शर्मा 
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः

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