क्या कोरोना का लाॅकडाउन अनुशासन जैसा साबित हुआ है?

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  अनुशासन सभ्यता की वह आकृति है। जिसमें अपने-आप पर नियंत्रण करना है। अपने-आप को नियमबद्ध श्रृंखला में पिरोना है। जबकि लाॅकडाउन महामारी से स्वयं के बचने एवं दूसरों को बचाने हेतु प्रयोग में लाया गया है।
  क्योंकि अनुशासन जीवन और राष्ट्र के वर्तमान एवं भविष्य को सदृढ़ करने के लिए सिखाया जाता है। जिसमें संवरने-संवारने से लेकर साकारात्मक दृष्टिकोण को सशक्त किया जाता है।उसी प्रकार लाॅकडाउन का मुख्य उद्देश्य भी देश के नागरिकों को कोरोना महामारी से बचाने के लिए प्रयोग किया गया है। ताकि महामारी एक से अनेक में न फैले। जिसके लिए समाजिक दूरी को भी विशेष महत्व दिया गया। संगरोधक केंद्रों की भी भूमिका अच्छी रही। जिसे विशेष अनुशासनात्मक कार्रवाई की संज्ञा दी गई।   
  अनुशासन विहीन कुटुंब, समाज और राष्ट्र न तो विकासशील हो सकता है और ना ही अधिक समय तक संयुक्त व स्वतंत्र रह सकता है। लाॅकडाउन ने भी एकता, संयुक्ता, सदृढ़ता एवं लोकप्रिय माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी के नेतृत्व में निष्ठा दिखाई है। जिससे भारत की प्रशंसा विश्वस्तर पर हुई है।
  इसलिए निस्संदेह कोरोना महामारी का लाॅकडाउन अनुशासन जैसा ही साबित हुआ है।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।