शिक्षक शिक्षक तो हे जग में महान इन बिन चले नही यह संसार शिक्षक ही देते ज्ञानरुपी उजाला ज्ञान का दीप जलाकर करे जग रोशन सारा यही हे विजय पथ दिखने वाले यही ह ज्ञान से जगत भ्रमण कराने वाले शिक्षक हे ज्ञानरूपी भगवान यही हे ज्ञान विज्ञान के निर्माता […]

संसद ने पिछले बजट सत्र में एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए भारतीय राज्य जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 और 35(A) को राष्ट्रपति के द्वारा अनुच्छेद 370 (1) में वर्णित अधिकारों के तहत तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है । बजट सत्र में एनडीए […]

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चिंतन-मनन कर पूर्ण विचार, तत्पश्चात प्रयोग कीजे अपना मताधिकार। आओ अशिक्षितों को भी अवगत कराएंं, मताधिकार का उचित प्रयोग बताएं। मँहगाई, बेरोजगारी,भ्रष्टाचार पर करे जो नियंत्रण, उसे ही चुनकर बनाना है हमें जनतंत्र। अगर चुन लिया जो आपने गलत उम्मीदवार, फिर उससे उम्मीद रखना होगी बेकार। मानव अधिकारों का होता […]

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आओ हम मिलकर,देश में नई अलख जगाते हैं,                                              हिन्दी को उसका खोया सम्मान,फिर से दिलाते हैं। हिन्दी भाषा है,ज्ञान-विज्ञान की, हिन्दी भाषा है,भारत के स्वाभिमान की हिन्दी में […]

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अपने ईश्वर पर यकीन रख, जिंदगी में गिर उठ और आगे बढ़, पर ईश्वर पर यकीन रख। जीवन में संघर्ष कर, मुश्किलों से न डर सामना कर हर कठिनाई का, हार से न डर। गर ठहरा तू किसी जगह, तो पीछे रह जाएगा छोड़कर जग तुझे, आगे बढ़ जाएगा। तू […]

नज़र से जब उनकी नज़र मिली तो नजर थम गई, किया जब हमने ईश्क का जिक्र तो कायनात पिघल गई। हम तो यूं ही पीते रहे नैनों से शराब उनके, जब ईश्क-ए-मोहब्बत किया तो शबाब बन गई। कुछ इस कदर बयां किया हमने हाल-ए-दिल आंखों से, हम दिल का हाल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।