मैं हूँ वतनपरस्त फौजी,मुझसे प्यार मत करना, कब शहीद-ए-आम हो जाऊं,मेरा इंतजार मत करनाl सोलहवां सावन बीता,कई सावन बाकी तुम्हारे, गिंदगी बसर साथ मेरे,ख्वाब गुलजार मत करनाl सिर कफन बांध निकला हूँ मैं वतन के वास्ते, लौटूँगा लिपट तिरंगे में,खातिर मेरे दिल बेकरार मत करनाl हाँ ये सच है मुझको […]

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हंसमुख मुख मुद्रा वाले मर्यादा पुरुषोत्तम की बात बड़ी निराली है, प्रकटोत्सव बारह बजे,मंदिर की बजती घण्टी, हम बजा रहे ताली है। कर्म प्रधान,मर्मशील,आदर्श प्रभु वे अवध की बगिया के माली हैं, दानवों के दौर में ऋषियों की तपस्या पर यज्ञ की वो ही करते रखवाली हैं। जिनके आगमन पर,सम्पूर्ण […]

गणना करके काल की करते भाग्य उदय। देते चुनौती काल को नहीं किसी का भय। भरतवंशी हम कहलाते करते पुण्य प्रताप। पल-पल खुशियों से भर देते नहीं, कोई सन्ताप। त्याग-तप और प्रेम का दिया हमने सन्देश। हिन्दू धर्म की श्रेष्ठता देते परोपकार उपदेश। पशु-पक्षी तक पूजित जहाँ,रहता भाव मर्म। पेड़-पौधों […]

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वक्त की आंधी में न जाने कितने लोग बह रहे हैं, अपनी सांसों को फिजूल ही अलविदा कह रहे हैं। रोज घटनाओं के काले पन्ने अखबारों में दिखाई देते हैं, छोटी-छोटी बातों में भी बिना सोचे जहर पी लेते हैं। तनावों की परिधि में रहकर अपने भीतर शैतान जगा देते […]

परिंदों संग हर मस्तियां छोड़ आए गांव में हम कितनी हस्तियां छोड़ आए   यूं तो इक घर की दहलीज छोड़ी थी हमने लगता है अब कई बस्तियां छोड़ आए   उलझनों की ये शब अब नहीं बिताई जाती आम की छांव तले निंदिया छोड़ आए   अब कोई दिल […]

औरत होने के लिए… कितने पशेमान कपड़े पहने हैं उस आसमानी लड़की ने। जो फुदक रही है आसमान की छाती पे, झूम रही है मेहताब के सूफ़ी गीतों से.. खेल रही है आकाशगंगा के अनगिनत खिलौनों से। एक दिन जिसे जमीं की कूचा आके, बनना है कल की संघर्षशील औरत.. […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।