कल्पनाओं को छोडकर
कर्म को अपनाना होगा
विकृत हो रहे मनःस्थिति
पर काबू पाना होगा।
बहक रहे है सभी के कदम
फैल रहा जीवन में अंधकार
खाली समय में अंतःमन
को झकझोरना होगा
कल्पनाओं को छोडकर
कर्म को अपनाना होगा।
संगत की संस्कारो से
खुद को बचाओ ऐ दोस्त
बिगडती हुई व्यवस्थाओ को
फर्ज से सुधारो ऐ दोस्त
सबको मूल मंत्र अपनाना होगा
कल्पनाओं को छोडकर
कर्म को अपनाना होगा।
अलविदा करो बूरे स्वप्न को
अच्छे ख्वाब दिखाओ मन को
ऑखो मे बस रहे कुछ सपने
तुम्हारे ही तो है
पवित्र कर्मो से पूरा करना होगा
कल्पनाओं को छोडकर
कर्म को अपनाना होगा।
“आशुतोष”
नाम। – आशुतोष कुमार
साहित्यक उपनाम – आशुतोष
जन्मतिथि – 30/101973
वर्तमान पता – 113/77बी
शास्त्रीनगर
पटना 23 बिहार
कार्यक्षेत्र – जाॅब
शिक्षा – ऑनर्स अर्थशास्त्र
मोबाइलव्हाट्स एप – 9852842667
प्रकाशन – नगण्य
सम्मान। – नगण्य
अन्य उलब्धि – कभ्प्यूटर आपरेटर
टीवी टेक्नीशियन
लेखन का उद्द्श्य – सामाजिक जागृति