कहते हैं घर की बुनियाद अच्छी हो तो छोटे मोटे तूफान थाम लेते हैं। घर का अगर एक सशक्त बीम हो तो बाकियों को भी सशक्त और आर्दश के साथ रहना सिखाती है। इस महामारी काल में देश के चार स्तम्भों में से एक हमारी संवैधानिक व्यवस्था इन दिनों एक […]

भारतीय संविधान में मूल अधिकारों का हनन एक संगीन मामला बन जाता है जब परिवार में किसी की मौत हो और उसके अंतिम दर्शन तक न हो।मीडिया और सोशल मीडिया पर दर्द विदारक रिपोर्टो ने क्रूरतापूर्ण रवैये के इस प्रचंड रूप का आये दिन वर्णन किया है।लेकिन सिस्टम का इसपर […]

कोरोना का रोना लटपट सांस भी छूट रही झटपट।। आया दवा हुए लापरवाह लगी कतारे सजी महफिल फिर सुनसान का दामन थामने सोचने लगी है सरकारें।। मानव तेरी फितरत ने परेशां किया जो चला जाने वाला था उसे वुलावा दिया।। यूं तो रैलियां न निकाला कर ऑन लाइन ही बुलाया […]

बदलते हुए बंगाल की आहट देती जनसैलाब बदलाव चाहता है। हलांकि राजनीतिक गलियारे खूब चकाचौंध है । जबकि भूख, गरीबी ,वेरोजगारी व महगाई चरम पर है। नंदीग्राम का रोड शो काफी रोचक रहा है तृणमूल और बीजेपी की सीधी लड़ाई प्रायः सभी जगहो पर है। एक तरफ बीजेपीअपने दृढ़ विश्वास […]

रंगो का पर्व होली विशेषांक में विशेष है। यह हुडदंगों के साथ तथा गाकर बजाकर चिढाकर खेलते है। वही होरियार है अर्थात (होरि यार) यारो संग होरी । शरद की समाप्ति के साथ ही बसंत का आगमन और फिर होली की हुड़दंग जहाँ रंग और गुलाल प्रकृति के साथ मन […]

आधुनिक समाज एकल परिवार में लीप्त हो एक गहरी खाई की तरफ जाती हुई प्रतीत हो रही है।आज की सामाजिक ताना बाना सिमटती जा रही है लोग सिमट कर अपने आप के लिए ही रह रहे हैं जबकि पहले का परिदृश्य कुछ और था।एक सामाजिक सौहार्द जो अब बिखरे लगा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।