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अनुपम धवल पूर्ण चंद्रमा
पुलकित हर्षित है सृष्टि
शीतल चाँदनी संग हो रही
दुर्लभ अमृत रस की वृष्टि
शरद ऋतु की है सौगात
शरद पूर्णिमा की ये रात
अद्भुत छटा बिखर रही है
स्वर्ग सी लगे कायनात ।
तरू लताएँ भी हर्षाईं
धरा गगन देख मुस्काई
चाँदनी संग भेजा संदेसा
पुरवैया बजाए शहनाई
खिड़की से झाँके है चंदा
देख सजनिया है लजाई
साजन आवन की आस में
नैना पलकन राह बिछाई
#नविता जौहरी
भोपाल (म.प्र.)
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