बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ ​

0 0
Read Time2 Minute, 35 Second
sushama malik
बेटी तो है अभिमान हमारा,ये तुमको मैं समझाती हूं।

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ,ये गीत प्रेम का गाती हूं॥

बेटी को मरवाकर क्यों,बेमतलब तू पाप कमाए।
 हो जाए तेरी ठंडी काया,बेटी को जो तू गले लगाए।
ये है फरमाइश इसकी,पापा इसे बस लाड़ लड़ाए।
भूल जाए तू हर दुख को,एक बार जो बेटी  मुस्काए॥
बेटी बिन घर-आंगन सूना,ये आज मैं तुम्हें बतलाती हूं।
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ,ये गीत प्रेम का गाती हूं॥
बोलने लगी अब ये बिटिया,अब पढ़ने की बारी है।
बेटी को शिक्षित बनाओ,ये दौलत अनमोल हमारी है।
थोड़ा चाहिए बस इसको प्यार,ये कब किससे हारी है।
नजर उठा के देख जरा,हर कदम पर बाजी मारी है॥
दो घरों की शान बेटियां,इस बात पर इठलाती हूं।
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ,ये गीत प्रेम का गाती हूं॥
बेटी बचा और बेटी पढ़ा,तभी तो तू कहलाए इंसान।
गर्भ में इसको मार गिराए,माँ-बाप नहीं तू है हैवान।
इसको ना जो पढ़ने दिया,बन बैठा है क्यों तू शैतान।
हरकर के प्राण इसके तूने,बना लिया घर को शमशान॥
चारों तरफ देख ‘सुषमा’,अश्रु भी अविरल बहाती हूं।
‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’,ये गीत प्रेम का गाती हूं॥ 
            #सुषमा मलिक
परिचय : सुषमा मलिक की जन्मतिथि-२३ अक्टूबर १९८१
तथा जन्म स्थान-रोहतक (हरियाणा)है। आपका निवास
रोहतक में ही शास्त्री नगर में है। एम.सी.ए. तक शिक्षित 
सुषमा मलिक अपने कार्यक्षेत्र में विद्यालय में प्रयोगशाला सहायक और एक संस्थान में लेखापाल भी हैं। 
सामाजिक क्षेत्र में कम्प्यूटर प्रयोगशाला संघ की महिला प्रदेशाध्यक्ष हैं। लेखन विधा-कविता,लेख और ग़ज़ल है। 
विविध अखबार और पत्रिकाओ में आपकी लेखनी आती रहती है। उत्तर प्रदेश की साहित्यिक संस्था ने सम्मान दिया है। आपके लेखन का उद्देश्य-अपनी आवाज से जनता को जागरूक करना है। 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

चलो जिंदगी वक्त की सड़क पे

Tue Jan 30 , 2018
चलो जिंदगी वक्त की सड़क पे, कुछ खेल करते हैं। मिले जो रास्ते पे, उनसे कुछ मेल करते हैं। कुछ तो मिलते ही, बेजान दिखते हैं। कुछ तो धोखा है यहाँ, जो बिखरे पड़े हैं राह पर। आओ इनसे रुककर बातें, दो-चार करते हैं। कुछ तो सड़क पे ऐसे मिले, […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।