जननायक 

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mukesh rishi varma
भारत की माटी के कण-कण में महक तुम्हारी |
जन – जन  के कल्याण की जननीति तुम्हारी ||
सदा सुगंधित रहेगी यादों की बगिया प्यारी-प्यारी |
गौरवपूर्ण आस्था संविधान में रही हमेशा तुम्हारी ||
अद्भुत – मनमोहक,  शुद्ध – सरल  कवि  हृदय  ‘अटल’ |
माँ भारती के सच्चे सेवक, हिंदी मान बढ़ाया विश्वपटल ||
सत्य, न्याय  पथ  पर  हो  निडर  आगे  बढ़ते  चले  गये |
निस्वार्थभाव से की जनता की सेवा, जननायक बन गये ||
चढ़ाके  पाक  की छाती पर सेना, सीमा पर जयघोष किया |
तूफां से लड़ने वाले ‘अटल’ भारतमाँ पे सर्वस्व अर्पण किया ||
करके राजधर्म का निर्वाहन भारतमाता का मान बढ़ाया |
प्रतिबन्धों  से  बेअसर  राजनीति  को दागमुक्त बनाया ||
राष्ट्रसाधना प्रथम रही जीवन में जन नायक तुम्हारी |
तुम्हें खोकर हे अटल ! नम आंखें हुईं आज हमारी ||
भारत माता  की  माटी  के कण – कण में महक तुम्हारी |
जब तक सूरज-चाँद रहेगा तब तक पहचान रहे तुम्हारी ||

#मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

परिचय : मुकेश कुमार ऋषि वर्मा का जन्म-५ अगस्त १९९३ को हुआ हैl आपकी शिक्षा-एम.ए. हैl आपका निवास उत्तर प्रदेश के गाँव रिहावली (डाक तारौली गुर्जर-फतेहाबाद)में हैl प्रकाशन में `आजादी को खोना ना` और `संघर्ष पथ`(काव्य संग्रह) हैंl लेखन,अभिनय, पत्रकारिता तथा चित्रकारी में आपकी बहुत रूचि हैl आप सदस्य और पदाधिकारी के रूप में मीडिया सहित कई महासंघ और दल तथा साहित्य की स्थानीय अकादमी से भी जुड़े हुए हैं तो मुंबई में फिल्मस एण्ड टेलीविजन संस्थान में साझेदार भी हैंl ऐसे ही ऋषि वैदिक साहित्य पुस्तकालय का संचालन भी करते हैंl आपकी आजीविका का साधन कृषि और अन्य हैl  

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।