क्या समझते है…

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मेहनत लगन और निष्ठा का
फल क्या मुझे मिलेगा।
बनाया है जो आशियाना
क्या उसमें रहने को मिलेगा।
या ये भी एक यादगार और
स्मारक बनकर खड़ा रहेगा।
जो मोहब्बत की कहानी को
अपने अंदाज में कहेगा।।

महफ़िल में रंग हम जमाते थे।
जब वो हमारे साथ होते थे।
हम तो आज भी यहाँ पर है।
लेकिन उनका तो पता नहीं।
मोहब्बत को हमने मोहब्बत से
अपनी आँखो में ही सदा देखा।
और उनकी आँखो में भी कभी
मोहब्बत के लिए नफरत न देखी।।

इश्क में जीने वाले लोग
इश्क में ही मरते है।
इश्क कामयाब होता है
तो खुशी मिलती है।
न कामयाब होती है तो
जिंदा होकर मृत जैसे है।
इसलिए इश्क करना
आसान नहीं होता है।।

बनावटी महफिलो के लोग
आदि से हो चुकी हैं।
गीत संगीत नृत्य मोहब्बत से
उनका दूर तक संबंध नहीं है।
फिर भी महफ़िल में जाकर
नीयत का प्रदर्शन करते है।
और मोहब्बत को ऐसे लोग
आज बदनाम कर रहे है।।

मोहब्बत एक बड़ी इबादत है
जो हर किसी को नहीं मिलती।
खुश नसीब तो वो है जिन्हें
ये जन्नत आज मिल रही है।।

जय जिनेंद्र देव
संजय जैन “बीना” मुंबई

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।