कभी गली का गुंडा हुआ करता था हरेराम । एक दिन नेताजी के कार्यक्रम में पूडी-सब्जी खाने के लिये चला गया और फिर उसी दिन से हरेराम नेताजी की पार्टी का कर्मठ कार्यकर्ता बन गया । अब हरेराम के गले में पार्टी का गमछा होता और माथे पर एक हाथ […]
उजड़ा-उजड़ा चमन भीगा-भीगा हर नयन भूखी आधी आबादी झूठी तेरी आजादी वोट लिया हमारा विकास हुआ तुम्हारा महंगा यहां जीवन सस्ता हुआ मरण मेहनत हम करें घर दलाल भरें नेता जी को सब मुफ्त कानून बड़ा सुस्त महल बने तुम्हारे झोपड़े भी न हुए हमारे तुम छलकाओ मदिरा प्याले हमको […]
करो नित योग, योग भगाये रोग, प्रकृति से तन-मन का नाता जुड़वाते योग । चित्त वृत्तियों को सत राह दिखाये- गांव-गली, शहर-शहर अलख जगे योग ।। मानव तेरे मिट जायेंगे सब भोग, योग दिवस मनाओ मिल सब लोग । भारत फिर से विश्व गुरु बन जायेगा- जीवन खुशहाल बनाता है […]
प्रदेश में चुनाव होने वाले थे । मुख्यमंत्रीजी के स्वभाव में अचानक से बदलाव होने लगा । वे मरखने सांड से सीधे भोली भाली दुधारू गाय बन गये । पिछले पांच साल से वे पुलिस के बल पर राज कर रहे थे । ये तो जनता ही जानती है कि […]
वो मजबूर हुआ, मजदूर बना… कंधों पर जीवन का बोझ पुस्तकों का बस्ता दूर हुआ । गुमनाम अंधेरे में, एक मुरझाया नन्हा सा फूल जिन हाथों में कॉपी- कलम होनी थी वे साफ कर रहे – ढाबे पर जूठें थाली, प्लेट, गिलास… जिसे ममता के आंचल में पलना था वो […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।