वर्तमान परिदृश्य में देखें तो भारत के सबसे अधिक लोगों के बीच अभिव्यक्ति का,विचार प्रेषित करने का माध्यम हिन्दी भाषा ही है,पर वह सिमटती जा रही है। उसका क्षेत्र कम हो रहा है। आजादी के वक्त जहाँ हिन्दी सम्पूर्ण उत्तर भारत में लोकप्रिय थी और संविधान निर्माताओं ने लक्ष्य रखा […]

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बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जयंती विशेष: आज़ाद भारत के वैचारिक समन्वयक बाबा साहब —-अर्पण जैन ‘अविचल‘ धरती जब किसी चरित्रवान् नेतृत्व को जन्म देती है तो निश्चित तौर पर यह नेतृत्व का ही मान नहीं होता बल्कि धरती का भी गौरव स्थापित होता है | एसा ही एक गौरव मालवा […]

अगर हमारे शरीर में केवल पिन चुभ जाए तो हम कराह उठते हैं,सोचो जिन जीवों पर कटार चलती है उन्हें कितनी पीड़ा होती होगी? अगर हम एक मांसाहारी को प्रेरणा देकर शाकाहारी बनाने में सफल हो जाते हैं तो,हमें अड़सठ तीर्थों की यात्रा जितना पुण्य घर बैठे मिल जाएगा। महावीर […]

हमें लगता है कि,पाकिस्तान नाम के दीपक को बुझाने का समय आ गया हैl अब भारत सरकार को इस नेक काम में देरी नहीं करनी चाहिए,क्योंकि हमारे बुजुर्गों ने कहा है `दीपक बुझने से पहले बहुत फड़फड़ाता है`l पाकिस्तान की फड़फड़ाहट की वही सीमा पूरी हो चुकी हैl अब वह समय […]

चैनलों पर चलने वाले खबरों के ज्वार-भाटे से अक्सर ऐसी-ऐसी जानकारी ज्ञान के मोती की तरह किनारे लगते रहती है,जिससे कम समझ वालों का ज्ञान कोष लगातार मजबूत होता जाता है।  हाल में एक महत्वपूर्ण सूचना से अवगत होने का अवसर मिला कि,देश के एक बड़े  राजनेता का प्रकरण लड़ […]

ये हमारे यहाँ का बड़ा ‘अजीब’ रिवाज़ है..जन्म लेते ही लोगों को दो वर्ग में बाँटने का। दो -काले और गोरे का वर्ग। बात यहीं पर ख़त्म नहीँ होती है। बड़ी प्रतिभा है हममें,इसके अंदर भी बढ़िया वर्गीकरण है..काले तो कितने काले,सांवले और गोरे में भी गेंहुएं,दूधिया,अलाना-फलाना,इम्का ढिमका। वर्गीकृत करना […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।