1 जुलाई – सी ए दिवस विशेष* राष्ट्र के नवनिर्माण की बयार है, उद्योग नीति की श्रेष्ठता से हिंदुस्तान में स्वरोजगार चरम पर है, कही छोटी इकाइयाँ संचालित है तो कही वृहद। जीएसटी का बोलबाला हो चाहे वित्तीय सेवाओं की अनिवार्यता, संगठनात्मक तंत्र हो चाहे व्यक्तिगत कर आदि की सहायता, […]

जीवन पथ पर प्रत्येक मनुष्य को प्रतिदिन कई छोटे-बड़े कार्यों को पूरा करना होता है। कई कार्य साधारण होते हैं तो कई आपके जीवन को नई दिशा देते हैं और आपके कर्मठ,प्रतिभा सम्पन्न एवं यशस्वी होने की गवाही देते हैं। प्रत्येक मनुष्य अपने जीवन में सफलता पाना चाहता है अथवा […]

आजकल मनःस्थिति कुछ ऐसी बन गई है कि,यदि किसी को मुंह लटकाए चिंता में डूबा देखता हूं तो लगता है जरूर इसे अपने किसी खाते या दूसरी सुविधाओं को `आधार` कार्ड से लिंक कराने का फरमान मिला होगा। बेचारा इसी तनाव में परेशान है। यह सच्चाई है कि,देश में नागरिकों […]

ऊपर दिया गया कथन प्राचीन ऋषियों की प्रसिद्ध उक्ति है,जो उनकी जीवन-दृष्टि का परिचायक है। मनुष्य और पशु में सबसे बड़ा अंतर उनके सीखने की क्षमता का है। कितना ही प्रयास क्यों न करें,पशुओं को हम एक सीमा से आगे नहीं सिखा सकते,पर मनुष्य के सीखने की क्षमता असीम है। […]

गरीबी और साथ में दर्द,फिर भी लोग बनते हैं हमदर्द..जी हाँ,भारत के जीवन में आज हमें जब आजादी मिले हुए सत्तर वर्ष हो गए हैं तो भी,आज गरीब लोग अंग्रेजों वाले समय जैसा जीने को मजबूर हैं। मैं बहुत-से पिछड़े इलाको की बात कर रहा हूँ, जहां लोग एक रोटी […]

ये हमारे यहाँ का बड़ा ‘अजीब’ रिवाज़ है..जन्म लेते ही लोगों को दो वर्ग में बाँटने का। दो -काले और गोरे का वर्ग। बात यहीं पर ख़त्म नहीँ होती है। बड़ी प्रतिभा है हममें,इसके अंदर भी बढ़िया वर्गीकरण है..काले तो कितने काले,सांवले और गोरे में भी गेंहुएं,दूधिया,अलाना-फलाना,इम्का ढिमका। वर्गीकृत करना […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।