मंदिरों के बाहर पड़े भगवान को चढ़ाए पूजा पुष्प,जिनको भक्तगण आंख बंदकर कुचल के चले जाते हैं। पूरी श्रृद्धा के साथ भगवान की प्रतिमा के मुंह में ठूंसा हुआ मिष्ठान्न,मतलब जब तक भक्त द्वारा चिपकाई गई बरफी प्रभु-प्रतिमा के मुंह से चिपक न जाए,भक्त को संतुष्टि नहीं होती है। बाद […]

सुबह-सुबह जब मैं कार्यालय के लिए तैयार हो रही थी,तभी फोन की घंटी बजीl मैंने फोन उठाया,दूसरी तरफ से आवाज आई `मैडम चौकीदार ने आज फिर बच्ची के साथ अभद्र व्यवहार किया है`, मैडम ऐसा तीसरी बार हुआ है। हर बार मुझे ही छोड़ो जाने दो कहकर शांत कर दिया […]

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हस्तक्षेप ऐसा जो किसी भी महत्वाकांक्षी नेता को हजम नहीं हो सकता है। यह बात है सरदार वल्लभ भाई पटेल की, जब उन्होंने सारे राज्यों को स्थानीय राजाओं से बातचीत करके सरकार के अधीनस्थ कर लिया था तो चुनावों का दौर आया। यह दौर भारतीय लोकतंत्र के लिए एकाधिकार की […]

संजय भारद्वाज……. भाषा का प्रश्न समग्र है। भाषा अनुभूति को अभिव्यक्त करने का माध्यम भर नहीं है। भाषा सभ्यता को संस्कारित करने वाली वीणा एवं संस्कृति को शब्द देनेवाली वाणी है। किसी भी राष्ट्र की सभ्यता और संस्कृति नष्ट करनी हो,तो उसकी भाषा नष्ट कर दीजिए। इस सूत्र को भारत […]

शिक्षा की भाषा,दैनंदिन कार्यों में प्रयोग की भाषा,सरकारी काम-काज की भाषा के रूप में हिन्दी को उसका जायज गौरव दिलाने के लिए अनेक प्रबुद्ध,हिन्दीसेवी और हितैषी चिंतित हैं और कई तरह के प्रयास कर रहे हैं,जनमत तैयार कर रहे हैं। समकालीन साहित्य की युग-चेतना पर नजर दौड़ाएं तो यही दिखता […]

आजादी के पहले गुलामी एक मुसीबत थी,१५ अगस्त १९४७ के बाद आजादी एक समस्या बन गई,बेबसी कि आज भी हम आजाद देश के गुलाम नागरिक हैं। व्यथा सत्ता बदली है व्यवस्था नहीं, स्वाधीन देश में रोटी-कपड़ा-मकान-सुरक्षा और दवाई-पढ़ाई-कमाई पराधीन होने लगी। यह सब मोहलतें,सोहलतें और जरूरतें कब अधीन होगी। इसी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।