तकिए के नीचे धरे हुए हैं रुपए कई हजार वैद्य कौन बुलाएगा जब पास ना  हो परिवार कंधे पर लेकर घूमता था तुझको तेरा बाप घोड़ा बनकर पीठ दी यह कैसे भूले आप बूढ़े बीमार मां बाप का तू दे आज संवार बिन मांगे प्रभु देंगे कल तेरे काज सुधार […]

हम गर्व महसूस  करते हैं मीठी है हमारी बोली हम हैं हिन्दुस्तानी । अंग्रेजों ने हमें गुलाम बनाया फिर भी हमने अंग्रेज़ी भाषा को अपनाया । अंग्रेज़ी जब बोलते हैं हम स्मार्ट हो जाते हैं । ये सोच अब बदलनी चाहिए हिन्दुस्तानी भाषा को दिल से अपनाना है। हम हैं  […]

काव्य-संग्रह – “खोजना होगा अमृत कलश “ कवि – राजकुमार जैन राजन प्रकाशन – अयन प्रकाशन , 1/20 , महरौली , नई दिल्ली – 110030 मूल्य : 240 रुपये संस्करण : प्रथम 2018 पृष्ठ – 120 पुस्तक प्राप्ति हेतु सम्पर्क नम्बर  09828219919         जाने-माने बाल साहित्यकार श्री […]

(सत्य घटना पर आधारित )      महामान्य गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने राय दे दी कि वनांचल में जनबस्ती अवैध है। उच्च न्यायालय ने सरकार को जल्द से लोगों को यहाँ से हटाने के निर्देश दिए हैं। आमचांग असम का एक वनांचल है, जहाँ लगभग बीस साल से जनजाति के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।