हिंदी राष्ट्रभाषा है,हमारी मातृभाषा है। दिलो को छू जाए, गौरवमई भाषा है।। कण कण में भगवान है,अक्षर अक्षर में मिठास है। हर अक्षर से शब्द बने, भावनाओ को व्यक्त करें।। हिंदी से हिंदूस्तान है, संस्कृत से संस्कार है। यहीं सभ्यता जन्मी, यही आस्थाओं की नगरी।। हिंदी के रूप अनेक है, […]

त्याग तपोमय रूप जगत का सत् अद्भुत शांति कुंज सी पुंज सकल छाया निकुंज इश्वर सम साकार विविध विधि करूणा उपहार जगत में विस्तृत फैले यश तेरा साकार ब्योम सा अंको मे लेले पावन रज की गंध सुगंधित कर दे जीवन परम पिता के अंको मे तू विह्वल खेले मर्यादा […]

हिन्दी तुमसे प्रेम है । अनुराग है । तेरे कारण मन प्रफुल्लित है। जीवन मे आह्लाद है । तुम्हे नमन करता हू । बंदन करता हू । तेरे हि स्पर्श से नित अपनी वाणी तुमको अर्पण करता हू। तू जननी है मुझे दुलारती है। मेरे अब्यक्त शब्दों को संवारती है। […]

मन दर्पण को स्वच्छ बना लू जीवन की शंध्या से पहले। परम पिता को मै अपना लू जीवन की शंध्या से पहले।। आपा धापी दौड धूप चलती रहती है। आशा तृष्णा सदा हृदय कलुषित करती है।। सुबह शाम शंध्या रात्री के प्रहर बीतते संकल्पों मे ब्यथित सदा  होकर हम रहते। […]

भोर हुई तो इंसा देखो, ताकतवर बन जाता है , श्वासों में भर-भर कर आशा, रंग नया भर जाता है , दिन-भर समय बिताता फिर, शाम को घर आ आता है , सारे जग में अपने धन का, फिर डंका बजवाता है , जैसे – जैसे आसमान में , बड़ते […]

मन में अटूट  विश्वास लिए कहनी तुमसे एक बात  प्रिये l तुम पूरण कर देना इसको मन की यह  अंतिम आस  प्रिये l जब तलक साथ हम दोनों प्रिये तुम मेरे हो मैं तुम्हरी हूं l पर आज तुम्हारे सम्मुख मै कल की  तस्वीर दिखाऊं प्रिये l तुम पूरण कर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।