भूलने को तो बहुत सी बातें भूल जाती हूँ मैं मगर जो भूलना चाहती हूँ वो क्यू याद आते है। कुछ लोग बिछङ कर भी साथ साथ होते है। कुछ साथ हो कर भी क्यू बिछङ जाते है। हमसफर ,हमराह ,हमजुबाँ तो मिल जाते हैं हमख्याल, हमनवाँ ही क्यू दिल […]
इशक करके तुमसे ,ख़ाक में मिल गये। कहकहे लगाते लब ,जैसे कि सिल गये। आवारगी का आलम ,हम बताये भी कैसे खेल खेल में बस,ऐसे कितने ही दिल गये। हुस्न पर मरने वालो की अदा खास है यारो अक्ल वाले ही होते बस ग़ाफ़िल गये ज़ौक़ ऐ तमन्ना की क्या […]
सोचते सोचते रात सारी गुज़र गई। नींद आँखों से न जाने किधर गई। मलाल रूह को था, तेरे बिछङने का जिंदगी भी मेरी, साथ ही बिखर गई। बेमुरव्वत लोगों की भीङ जमा तो थी तन्हा थे हम ,जहां तक नज़र गई। सकून दिल का तलाश में चले थे हम झोली […]
कोई शिकवा नही कि तू हम को मिला नही। बिछङ के भी तुझसे अब कोई फासला नही। इज़्तिराब ऐ शौक हम से अब न पूछिये मेरी मोहब्बतों का मिला कोई सिला नही। बहार आई भी और आकर चली भी गई दिल मेरे का फूल ही बस खिला नही। पशेमाँ हैं […]
कैसे कैसे जिन्दगी ने दिन है दिखलाये। कभी रो दिये हम, कभी मुस्कराये। इजतराब ऐ शौक हमसे न पूछिये देखा जो उन्हे,साँस भी न ले पाये। एहतराम मोहब्बत का करेगें ताउम्र इससे ज्यादा हमको न आजमाये । मरना तो हमको, वैसे भी है यारा क्यू न हम फिर,तुम पे ही […]
महकते खतो मे पैगामे उल्फत हो जरूरी तो नही। खूबसूरत हाथों मे किस्मत भी हो जरूरी तो नही। हर प्यार भरी नजर मोहब्बत की हो जरूरी तो नही। अच्छे लोगो से अच्छी सोहब्बत भी हो जरूरी तो नही। साथ रहने से,सदा कुरबत भी हो ये जरूरी तो नही। पैसा न […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।