अच्छे दिन की बातें करके सत्ता पाकर,
मद में सब नेता सत्ताधारी गर्वित हैं।
जनता को अब कौन पूछता है फुसलाकर।
केसरिया रँग को धारे बनते धर्मित हैं।
कमर तोड़ती मँहगाई जनता पर भारी।
चीख पुकार रही है जनता।नहीं सहारा
दिया किसी ने।रोक नहीं कोई सरकारी।
पाई पाई को तरस रहा श्रमिक बिचारा।
शोषित,पीड़ित,गरीब,श्रमिक,किसान पूछता
होगा कब मेरा विकास यह तो बतलाओ
हर दिन हर पल हर विभाग में रहे जूझता।
लेकिन उसका विकास कहाँ जरा दिखलाओ।
केवल सरकारें आती जाती रहती हैं।
विकास की बातें मन भरमाती रहती हैं।
नाम- नवल किशोर शर्मा ‘नवल’
पिता- श्री किशन स्वरूप शर्मा
शैक्षिक योग्यता – एम.ए.,बी.एड.(अंग्रेजी ),
एल.एल.बी.
जन्मभूमि-मुरादाबाद ( उ. प्र. )
कर्मभूमि- सिल्वर स्टोन पब्लिक स्कूल बहजोई,सम्भल।
सम्प्रति- प्रवक्ता
पदभार -सह-साहित्य प्रमुख, संस्कार भारती मेरठ प्रान्त शाखा बहजोई, सम्भल।
शौक – कविता लेखन व गायन, पुस्तक पढ़ना।
साहित्यिक योगदान -विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित।
साहित्यिक सम्मान – ‘कवि भास्कर’ उपाधि से विभूषित द्वारा संस्कार भारती मेरठ प्रान्त शाखा सम्भल, उ प्र।