आज जरूरत है मानव की,
विश्व शांति कायम होवे।
वतन मान की सोच रखें पर
विश्व मनुजता क्यों खोवे।
मानव तो बस मानव होता,
मानवता के गुणधारी।
देश धर्म में बाँट मनुज को,
राज करे सत्ता धारी।
कुछ देशों की तानाशाही,
कुछ को भारी पड़ती है।
सत्ता की यह खेंचातानी,
मनुज भुगतनी पड़ती है।
मानव के अधिकार सिमटते,
देशों की टकराहट में।
जाने कितनी आहें घुटती,
हथियारों की आहट में।
चाहे समय विकासी पहिया,
बदलो सोच जगत की अब।
विश्व शांति के पथ पर बढ़कर,
मानवता की सोचें सब।
मनुजाधिकार दमित न होवे,
सत्ताई संघर्षों में।
करें विकास मानवी मानव
आने वाले वर्षों में।
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२. रंग-भेद के खिलाफ,
बहका क्यों है रे मानव मन,
तन की रंग गुमानी में।
चमड़ी के रंग से मानव में
भेद करे नादानी में।
देख हमारे श्याम कन्हैया,
हम तो अब तक पूज रहे।
त्रेता युग के राम देखलो,
राम राज्य की सूझ रहे।
तन के वर्ण ऊतको से ही,
रंग त्वचा का बनता है।
जलवायु के कारण भी तन
गोरा काला लगता है।
रंग भेद का बापू ने भी
समझो खूब विरोध किया।
रक्त सभी का लाल मानवी,
कितना चाहे शोध किया।
तन के रंग भेद को भूलो,
गुण बल बुद्धि सभी जानो।
मानव होकर भी मानव को,
रंगो से मत अपमानो।
गोरा काला उभय रंग है,
दोनो का ही मान रहे।
रंग भेद के कारण सोचो,
मानवता अपमान सहे।
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३. विश्व में महामारियों
की रोकथाम,
आज विश्व परिवार बना लो,
सबके सुख दुख साझी हों।
सक्षम वतन बढ़ें आगे ज्यों,
मँझधारों के माँझी हों।
जैसे चेचक सी बीमारी
सबने मिलकर खोई है।
और पोलियो की तकलीफें
इस धरती से धोई है।
शेष अभी तो है बीमारी,
टी बी, कैंसर,अनजानी।
मिलकर सकल विश्व के देशो,
बीमारी जड़ मूल मिटानी।
टीके खोजो,और दवाई,
आपस में साझा करलो।
सभी निरोगी हों वसुधा पर,
मानव पीड़ा को हरलो।
नाम–बाबू लाल शर्मा
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः