हिंदी

0 0
Read Time2 Minute, 2 Second

अभिलाषाओं को अभिव्यक्त करती ,
भावनाओं को चित्रित करती ,
कल्पनाओं के सिंधु में अनुपम अलंकृत होती ,
वह है अतुल्य अनुपम हिंदी ।
मां वाग्मयी के आशीर्वाद की तरंगिणी ,
काव्य का आलौकिक अल्हाद ,अनुभूति का सृजन ,
वर्ण से अक्षर तक नवल गीत अनंत रंगीनी ,
कभी चारु चंद्र की चंचल किरणें में रितु गान करती ।
कभी नूपुर की झंकार सी ,कभी वेणु के सुरों से किसी सुमुखी के प्रेम को सुरभीत करती ।
कभी नगाड़ा और दुंदुभी सी किसी युद्धवीर का उत्साह बढ़ाती ,
मधुर -करुण संवेदनाओं की तरंगिणी ।
वह है अतुल्य अनुपम हिंदी ।
कभी हास्य के स्वर से मुखरित होती ,
कभी नैराश्य का भाव तो कभी जुगुप्सा ,आश्चर्य की तिरोहिणी।
अलंकारों के कौस्तुभ का अवलंबन करती ,
वह है अतुल्य अनुपम हिंदी ।
मीरा के छंदों से कबीर की वाणी में,
प्रेमचंद से निराला की मुखरित होती लेखनी में एक सूत्र होती, संस्कृति व सृजन की उद्घाटीनी ।
वह है अतुल्य अनुपम हिंदी ।
विभाव ,अनुभाव, संचारी – स्थाई भाव की निष्पादिनी ,
वर्ण से अक्षर तक नवल गीत अनंत रंगीनी ,
परस्पर प्रेम का सेतु बनाती।
ओंकार के नाद से ब्रह्मा ,विष्णु ,महेश से एकाकार करती ,
सकल भारत राष्ट्र की महिमामंडिनी ।
मां वांग्मयी के आशीर्वाद की तरंगिणी ।
वर्ण से अक्षर तक नवल गीत अनंत रंगीनी।
वह है अतुल्य, अनुपम हिंदी।

नीना शर्मा, मुम्बई

matruadmin

Next Post

कुंभ

Fri Apr 2 , 2021
कुंभ की रंगीन छटा में छिपा है कड़ा परिश्रम छिपी है अटूट आस्था छिपा है एक विश्वास देश विदेश से कुंभ में जो भी यहां आएगा कुंभ रमणीकता से गंगामय हो जाएगा तन ही नही मन शुद्धि कर लीजिए कुंभ में परमश्रद्धा की डुबकी लगाइये इस कुंभ में।#श्रीगोपाल नारसन Post […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।