रहते है एक दूसरे के साथ बनकर हर कदम के साथी सदा जल कर करते उजाला बनकर दीया और बाती जगमगाते हैं अंधेरा मिटाकर फैलाकर तज़ुर्बे की रोशनी प्रकाशवान हुआ सारा आँगन मंद मंद मुस्काते दीया और बाती कभी शिद्दत से,कभी मुद्दत से जलकर राह दिखाते तमस भरी बयार की […]

महीना आया दिसम्बर का अवकाश शीतकालीन का, असर मुक़म्मली सर्दी का कंपकंपी वाली ठंडक का। चारों ओर धुंध ही धुंध कोहरे ने बढ़ाई मुश्किल, नम हवा ने बढ़ाई ठिठुरन स्कूल जाना हुआ कठिन। स्कूलों में छाई खामोशी कक्षा कक्ष पड़े खाली, खेल मैदान में ओस कण बिखरे ठंडे पड़े नानिहालों […]

छेद ओजोन में नहीं, भारत माँ के आंचल में हो गया है। पढ़े-लिखे तो कतार में खड़े हैं, अनपढ़ों को सत्ता की पदवी मिल रही है लूट रहे हैं मायावी मोरे बनकर, राजनीति तो हिरन वारि बन गई । सत्य निष्ठ,अदब तो अल्प हैं यहां, सत्ता तो जुर्म छुपाने का […]

रोया तो मैं बहुत जी भर के रोया, जब वफ़ा के बदले दगा पाया। क्या कमी थी मेरे प्यार में, जो तुमने इस कदर दग़ा दे दिया। तेरी चाहत में पलकें बिछाए बैठे हैं, तेरे प्यार में दुनिया से नाता तोड़ बैठे हैं। हर पल सिर्फ तेरा ही इंतज़ार रहता […]

गूँज उठी थी किलकारी मेरे आँगन में, चांदनी की तरह शीतल-सी कली की तरह नाजुक-सी, मेरी प्यारी नन्हीं-सी बिटिया रानी थी। सौभाग्य है हमारा, घर-घर दी बधाइयां मेरा आँगन महकाया, बेटी तो घर की रोशनी होती हैं। सब कहते हैं दिखती हैं, माँ जैसी होती हैं माँ का सहारा, और […]

भीड़ खड़ी है जमाने भर की, फिर भी अकेला हूँl कुछ भी अच्छा नहीं लगता, मैं दुनिया से जुदा हूँ। हंसना मानो भूल ही गया, हुआ भीतर तक झकझोरl तन्हाई के मौसम में बेखबर हुआ, भाव-भावना भावविभोर। चाँद की चांदनी मेरे तन्हा दिल को, सता जाती हैl ये पगली पवन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।