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एक ख्वाहिश निकली है दिल से, कि छू लूं यह आसमान संग ज़मीं केl बन जाऊं मैं ज़िन्दगी,ज़िन्दगी की, हो न जाऊं इस दुनिया की प्रीत से दूर मैं.. बस मिटा दूँ हर दुःख को इस ज़मीं से मैंl एक ख्वाहिश निकली है दिल से, समेट लूँ  हर ख़ुशी अपने आँचल मेंl दिखला दूँ  इस दुनिया […]

आज मैं अपनी शर्तों पर जीना चाहती हूँ, चाय की चुस्की संग दिल का गीत गुनगुनाना चाहती हूँ। न रोक,न टोक, बेफिक्री से मौज में जीना चाहती हूँ.. आज मैं अपनी शर्तों पर जीना चाहती हूँ। ख़ुशी से विभोर होकर नाचूँ, न किसी के देख लेने की हिचक हो.. जो […]

लफ्ज़ हैं आज गुमशुदा, एहसास हो गए हैं अब तन्हा.. दिल की सच्चाई कितना भी चाहे बेपनाह, पर खा रही है मात हर लम्हा.. हर जगह। वक़्त बदल-सा जा रहा है, शख्सियत भी अब तो जुदा है.. न जाने कहाँ सब खो गया, जज़्बातों का कारवां छूट गया है। अफ़साने […]

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बज गया डंका चुनाव का, लो फिर हुई यह रेस शुरु। मैं सच्चा कि-तू झूठा, की चल पड़ी है होड़ शुरु। कोई घुमराए मज़हब से, कोई रिझाए नोटों से, कोई डराता ताक़त से, कोई लुभाए बड़े नामों से। जनता की तकलीफों को, अभी तो सब अपना बतलाते हैं, जनता चाहे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।