आजादी जो मिली है, इसे संभाले हुए रहना। बुलन्दी के इसके सपने, पाले हुए रहना। अरमान लाखों दिल में, लिए जो चले गए उन अरमानों के तुम ही,रखवाले हुए रहना। शहादत से अपनी इस,प चमन को खिला गए इस चमन की रक्षा को, मतवाले हुए रहना। बहा कर चले गए […]

रतनगढ़ । अणुव्रत विश्व भारती नई पीढ़ी के सर्वांगीण विकास के लिए कार्यरत संस्था है। यह संस्था स्कूल विथ ए डिफरेंस प्रयोजना के माध्यम से बच्चों के लिए रचनात्मक माहौल का निर्माण करती है।  इस के अंतर्गत संस्था द्वारा देशविदेश के रचनाकारों से उन की रचनाएं आमंत्रित की गई थी […]

-गरम – गरम रोटी का  मायना तब पता पङा जब मां ओर घरवाली के साथ एक घंटा गेहूं साफ किये एक – एक कंकङ ओर डूंगली, भोडी ओर घुन रोटी का स्वाद बयां कर रहे थे अनथक मां ओर पत्नी की आंखे रोटी की मनुहार ओर स्नेह की कविता गा […]

मेरे इस पहाड़ की, बड़ी अजब है बात। मई जून के महिने में भी , थर थर काँपे गात।। थर थर काँपे गात, लगे सुहानी काया। गर्मी में सर्दी का मौसम, बड़ी अजब है माया। सूरज को भी मिले सहारा, नित बादल के आड़ की। महिमा देखो अजब निराली, मेरे […]

जा बिटिया जा तुझे विदाई । दर्श दिखाकर अगन लगाई ।। अरमां थे पहली छिब तेरी निरखूँगा दुलार करूंगा तुझे गोद मे खेल खिलाता मेरा घर गुलजार करूंगा ।। सुप्त इच्छाएं आन जगाई । दर्श दिखाकर अगन लगाई ।। दादा-दादी,नाना-नानी मामा-मामी,चाचा-ताई। सब तुझको ही तॉक रहे थे अगल बगल सब […]

वैसे मिलने का मन तो रोज करता है लेकिन हमारी मुलाकात अधिकतर वीक एंड पर ही संभव होती थी। हर बार की तरह वहीं KST के किनारे पर मुलाकात हुई। कुछ देर तक दो चार बातें हुई। पता नहीं क्यों आज वो ज्यादा ही खुश नजर आ रही थी,येलो सूट […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।