सतयुग से कलयुग है आया,क्यों दशा न बदली युग बीते , नारी सदियों से है अबला , वेदों के कथन सभी रीते। देवी तो मात्र दिखावा है , झुकता जग नहीं ,झुकाता है , पल पल पर मौन परीक्षा दे,परिणाम दुखी कर जाता है । भावों का गहरा सागर ये […]
आप कहो कह दूँ सविता हृद को लगते वह चँद्र पिया रे। बुद्धि विवेक बड़ी शुचिता उर के सुर भी लगते अति प्यारे। कोमल सी छवि है प्रिय की नयना सुबहो नित साँझ निहारे। प्राण समान बसे हिय में मम साँस पिया मृदु नाम उचारे। […]
काया तेरी लगे मलय सी,,, खुशबू भरती है मन में, जब दिल मिलने का होता है ,, पहरे ही घर आँगन में। हुईं इत्र की तरह सुवासित,,छुआ नेह से जब जब भी, गीली मिट्टी महके जैसे ,,,, महक रही हो तुम अब भी। आयत और मंत्र के जैसी ,, घुली […]
परमात्मा से जब शरीर रूप पाया तब हम सभी शून्य ही तो थे चेहरे की आकृति थी शून्य, कल्पना शून्य,भाव शून्य, ख़्वाहिशें भी शून्य थी। शून्य से सफर शुरू हुआ था, शून्य पर विदाई भी होगी यही है गणना का आधार धरा,नभ का आकार शून्य सा, आदि से अंत तक […]
उम्र; चालीस पार कर चुकी है, पुनः एक बड़े अंतराल के बाद, गहरी नींद में सोई ख़्वाहिशें , करवटें लेने लगीं हैं…… फिर इक बार उम्र लौट रही, छूटी राहें ,अधूरे सपने,छटपटाते, अन्तर्मन व्याकुल बहुत ही, खुली हवा में सांस लेना चाहता…. कोशिशें प्रबल हो रही मेरे द्वारा, खुद को […]
मेंहदी बिंदी कुमकुम लगे, सजे तन पर सोलह श्रृंगार, मेरे जीवन में खुशियाँ है,जिसके तुम हो एक आधार, बिन मांगे सब मुझे मिला है,दर्पण मेरे मन मीत बने , सभी तीज त्योहार तुम्हीं से, दिया सदा मुझे निश्छल प्यार।। निर्जल व्रत रख पूजूं चँदा, वंदन कर आरती उतारूँ , लगा […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।