एक पेड़ हमने है देखा खिंची हुई सी लक्ष्मण रेखा हरियाली का चोला डाले पचा प्रदूषण हमको पाले। उसके नीचे पन्थी गाएं ऊपर पक्षी नीड़ बनाएं चहचहाहट दिनभर गूंजे रात सन्नाटा मधुर बनाएं। ईश्वर का अनोखा दूत हम सबका जीवन दाता जन्म पाया दूसरों के लिए अपने फल नहीं […]